गरीबों को ठगने वाले भूमाफिया सपा से जुड़े लोग : आदित्यनाथ

– अकबरनगर में अवैध कब्जों पर सरकार की कार्रवाई पर मुख्यमंत्री ने विधानसभा में दिया जवाब

लखनऊ। लखनऊ के अकबरनगर इलाके में प्रदेश सरकार द्वारा अवैध कब्जेदारों पर की गई बुलडोजर कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में एक बार फिर समाजवादी पार्टी को कठघरे में खड़ा किया।

विपक्ष की ओर से सदन में अकबरनगर मुद्दे पर उठाए गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा कि पंत नगर और इंद्रप्रस्थनगर की कार्रवाई को हमने स्थगित करवाया है लेकिन अगर आप देखेंगे तो गरीबों को ठगने वाले जितने भी भूमाफिया हैं, उनमें से ज्यादातर समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए लोग ही थे। इंद्रप्रस्थनगर और पंत नगर में जिन लोगों ने लाल चिह्न लगाए हैं, उन्होंने यह किस नीयत से किया है इसकी पूरी रिपोर्ट हमने तलब की है। अगर किसी ने गलत नीयत से किया होगा तो उसकी जवाबदेही भी तय होगी लेकिन अगर सावधानीवश केवल चिह्नित करने के लिए किया गया है तो यह कुकरैल नदी के पुनर्व्यवस्थापन के लिए लोगों को सावधान करने के लिए है।

सदन के सदस्य रविदास मेहरोत्रा के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लखनऊ के इतिहास को जानते होंगे। लखनऊ में गोमती और कुकरैल नदी का संगम भी था। अकबरनगर 1984 के बाद से ही बसा है। इसमें ज्यादातर अवैध निर्माण था और यही कारण था कि यह हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी टिक नहीं पाया। जिन लोगों को गलत तरीके से फर्जी कागजात दिखाकर रजिस्ट्री की थी, उन लोगों को हमने रिहैबिलिटेट किया है। अब अकबरनगर कोई नगर नहीं है, बल्कि अब वह सौमित्र वन हो गया है। लखनऊ को उसकी पहचान दिलाने के लिए भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण के नाम पर उसको सौमित्र वन बना दिया गया है। सपा सदस्य को तो खुश होना चाहिए कि लखनऊ के लोगों ने आपको विधायक बनाया है और लखनऊ को हम नाइट सफारी दे रहे हैं। मतबल ये कि लाभ आप कमाएंगे और पैसा सरकार दे रही है। इतनी अच्छी योजना मिलने के बाद आपको तो सरकार को धन्यवाद देना चाहिए।

आज आपको कुकरैल नदी नजर आएगी, नाला नहीं

आदित्यनाथ ने कहा कि पंत नगर और इंद्रप्रस्थनगर की कार्रवाई को हमने स्थगित करवाया है। हमने कहा है कि एक भी व्यक्ति जिसने रजिस्ट्री की है और उसके पास जायज कागजात हैं, उसको हम वहां कंपनसेशन देंगे और वो भी नदी को पुनर्जीवित करके। आप जाकर देखिए वहां पर कि कुकरैल नदी थी या नाला था। आपको आज के दिन पर नदी नजर आएगी, नाला नहीं। नदी पुनर्जीवन का अभियान पूरे देश के अंदर चल रहा है। हम बोलते तो हैं, जल ही जीवन है लेकिन क्या इनको तबाह करके हम जीवन की कल्पना कर पाएंगे। गोमती नदी को लखनऊ में क्या बना दिया आपने। एक तरफ गोमती को मां कहते हो और दूसरी तरफ पूरी नदी को गंदा नाला में बदल दिया। उस नदी की पुनर्व्यवस्थापन की कार्यवाही के लिए किए जा रहे प्रयास के लिए आपको लखनऊ के विधायक के रूप में सरकार की सराहना करनी चाहिए।

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