हैदरगढ़: बाल विकास परियोजना के माध्यम से राज्य की प्रत्येक ग्राम पंचायत में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 6 साल तक के बच्चों व किशोर बालिकाओं गर्भवती महिलाओं व धात्री महिलाओं के लिए सरकारी सहायता उपलब्ध कराई जाती है, ताकि स्कूल पूर्व शिक्षा के तहत नन्हे बच्चे कुछ सीख सके। वही आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मिलने वाले पोषाहार से कुपोषण दूर हो तथा गर्भवती महिलाओं व धात्री महिलाओं का समय पर टीकाकरण हो, परंतु सरकार की योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक नहीं पहुँच रहा है। विकासखंड हैदरगढ़ के आंगनबाड़ी केंद्र चौबीसी-1 का बहुत बुरा हाल है, केंद्र पर तैनात कार्यकर्ती शैलकुमारी कई कई माह नही आती है। विभागीय उच्चाधिकारी भी व्यक्तिगत लाभ के बदले ग्रामीणों के आवाज़ उठाने पर तरह तरह से गुमराह करते है। ग्रामीणों का कहना है कि अक्सर शिकायत करने पर कभी बताया जाता है कि आज मीटिंग, कभी छुट्टी पर है। इसमें कही न कही अधिकारियों की मिलीभगत भी संभावित है।
ग्रामीणों में इस घोर लापरवाही को लेकर रोष है। सोमवार को ग्रामीणों ने आंगनवाड़ी केंद्र चौबीसी प्रथम पहुँचकर विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है कि यह केंद्र लगातार कई महीनों से बंद है। पुष्टाहार व अन्य लाभ भी कई कई माह नही मिलते है। इतना ही नहीं ग्रामीण राजू ने बताया कि कोई भी सामग्री केंद्र पर वितरित नहीं की जाती है, बल्कि कार्यकर्ती द्वारा दूसरे गाँव में अपने मायके के घर से वितरण किया जाता है। जिससे वहाँ जाने पर सामग्री कम देने या प्रति माह न देने की बात कोई न कह सके। यदि कोई कहता भी है तो आगे से प्राप्त होने वाले सरकारी पोषण लाभ रोक देने की बात कही जाती है। नाम न छापने की शर्त पर एक महिला ने बताया कि शिकायत करने की बात कहने पर कोई भी लाभ न देने की धमकी दी जाती है। केंद्र कभी नहीं खुलता है, महीने-दो महीने में एक-दो घंटे के लिए शायद कभी आती है।
इस सम्बन्ध में जब केंद्र स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा ग्रामीणों को शांत करके समस्या के निस्तारण के लिए सुपरवाइज़र माया केन से फ़ोन पर वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ती श्रीमती शैलकुमारी मेडिकल पर है। प्रधानाध्यापक द्वारा मेडिकल पर कब तक है यह पूछे जाने पर बताया कि इसकी जानकारी नही है।