जगदीशपुर अमेठी । पुलिस एवं वन विभाग की मिलीभगत के चलते प्रतिबंधित हरे पेड़ों की कटान जोरों पर की जा रही है शिकायत के बाद अधिकारी लकड़ी ठेकेदारों पर नाम मात्र के लिए जुर्माने की रसीद थमा देते हैं याकि वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर इति श्री कर लेते हैं । जिम्मेदार अधिकारी सब कुछ जान कर भी अनजान बने रहते हैं ।
जगदीशपुर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत अशरफपुर में महुआ व भाले सुल्तान शहीद स्मारक वारिसगंज के थौरी में नीम का हरा पेड़ पुलिस व वन विभाग की मिलीभगत से काट कर सम्बंधित विभाग को चुनौती दे रहे हैं इतना ही नही दिन दहाड़े हरे पेड़ो पर आरा चलाकर समबन्धित विभाग की करतूतों की पोल भी खोल रहे हैं ।जिसके कारण क्षेत्र में खुले आम हरियाली का कत्ल किया जा रहा है।विभागीय अधिकारी मूक दर्शक बनकर तमाशबीन का किरदार निभा रहे हैं और वहीं लकड़ी ठेकेदारों द्वारा प्रतिबंधित हरे पेड़ों को तेजी से काटा जा रहा है। शिकायत के बाद वन विभाग के अधिकारियों द्वारा नाम मात्र के लिए जुर्माने की रसीद थमा दी जाती है। वहीँ नाम न छापने की शर्त पर लकड़ी ठेकेदार ने बताया कि प्रतिबन्धित लकड़ियों को काटने के लिए स्थानीय पुलिस व वन विभाग को प्रति ट्राली के हिसाब से पैसा देने के बाद ही पेड़ों पर काम लगाया जाता है बड़ी मजे की बात यह है कि ठेकेदार वन विभाग से सेटिंग्स करके पेड़ को काट कर गिरा देते हैं अगर मामला मीडिया की जानकारी आ जाता है तो तुरंत जुर्माना कर दिया जाता है वरना मामले को ठंडे बस्ते डाल दिया जाता है ।लकड़ी कटान के सम्बन्ध में सीओ मुसाफिर खाना अतुल कुमार सिंह ने बताया कि हरे पेड़ों की कटान पर पूरी तरह प्रतिबन्ध लगा है कटान की शिकायत मिलती है तो उस ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाती है ।