अमित शाह के एक बयान से महाराष्ट्र में मचा बवाल

पुणे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को विपक्षी नेता और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार को ‘भ्रष्टाचार का सरगना’ बताया। इस विवादित बयान के बाद से महाराष्ट्र का सियासी पारा बढ़ता ही जा रहा है। अब शरद पवार ने इस बयान पर पलटवार किया और अमित शाह को वर्ष 2010 के सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश की याद दिला दी।

दरअसल, 2010 में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य अमित शाह को सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में दो साल के लिए अपने गृह राज्य से निष्कासित कर दिया गया था। हालांकि, 2014 में वह बरी हो गए थे।

शरद पवार का अमित शाह पर अटैक
NCP चीफ शरद पवार ने कहा, ‘कुछ दिन पहले गृह मंत्री अमित शाह ने मुझ पर हमला किया और मुझे कुछ बातें कहीं। उन्होंने मुझे ‘देश के सभी भ्रष्ट लोगों का कमांडर’ कहा। अजीब बात है कि गृह मंत्री एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने गुजरात के कानून का दुरुपयोग किया और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें गुजरात से निर्वासित कर दिया।’

‘जिन लोगों के हाथों में यह देश है..’
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए आगे कहा कि ‘जिसे अपने गृह राज्य से निकाल दिया गया, वह आज गृह मंत्री है। इसलिए हमें सोचना चाहिए कि हम किस दिशा में जा रहे हैं। जिन लोगों के हाथों में यह देश है, वे किस तरह गलत रास्ते पर जा रहे हैं, हमें इस बारे में सोचना चाहिए; मुझे 100% भरोसा है कि वे देश को गलत रास्ते पर ले जाएंगे। हमें इस पर ध्यान देना चाहिए।’

अमित शाह ने क्या कहा था?
गौरतलब है कि 21 जुलाई को महाराष्ट्र के पुणे में भाजपा के एक सम्मेलन में अमित शाह ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पर ‘भ्रष्टाचार को संस्थागत बनाने’ का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा, ‘वे (विपक्ष) भ्रष्टाचार के बारे में बोल रहे हैं। भारतीय राजनीति में भ्रष्टाचार के सबसे बड़े सरगना शरद पवार हैं और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है। है, तो वह आप ही हैं, शरद पवार।’

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव
महाराष्ट्र में अक्टूबर में अगली सरकार का चुनाव होगा। सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति में भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उपमुख्यमंत्री शरद पवार के भतीजे अजित पवार की अगुआई वाली एनसीपी शामिल है। वहीं, विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और एनसीपी (सपा) शामिल हैं। अब वे हम पर क्या आरोप लगाएंगे? अगर भ्रष्टाचार को संस्थागत बनाने का काम किसी ने किया

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