जयपुर । ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर ने बुधवार काे स्पष्ट किया कि प्रदेश में फ्री बिजली योजना के तहत अब नए रजिस्ट्रेशन नहीं किए जाएंगे। उन्हाेंने कहा कि वर्तमान में राज्य सरकार के समक्ष विद्युत उपभोग चार्ज के अतिरिक्त अन्य शुल्क एवं करों को कम करने, उपभोक्ताओं को समान रूप से 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने तथा वंचित उपभोक्ताओं को निःशुल्क बिजली देने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। ऊर्जा मंत्री नागर विधानसभा के प्रश्नकाल में सदस्यों के निःशुल्क बिजली योजना संबंधी सवालाें के जवाब दे रहे थे।
नागर ने कहा कि प्रदेश में पूर्ववर्ती सरकार के समय के पंजीकृत सभी 98 लाख 23 हजार 314 घरेलू उपभोक्ताओं को मुख्यमंत्री निःशुल्क बिजली योजना का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार द्वारा योजना बंद नहीं की गई है और न ही इसके प्रावधानों में कोई बदलाव किया गया है। नागर ने जानकारी दी कि प्रदेश में कुल 1 करोड़ 29 लाख 9 हजार 968 घरेलू उपभोक्ता हैं। पंजीकृत सभी 98 लाख 23 हजार 314 घरेलू उपभोक्ताओं को निःशुल्क बिजली योजना के तहत 5 करोड़ 791 लाख रुपये की राशि का अनुदान दिया जा रहा है।
इस पर बसपा सदस्य मनोज न्यांगली ने कहा कि सरकार उपभोक्ताओं के साथ भेदभाव कर रही है। अब आपकी सरकार है, आप रजिस्ट्रेशन शुरू करो, फ्यूल सरचार्ज कम करने की जगह सरकार बढ़ाना चाहती है। इसका जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री नागर ने कहा कि 200 यूनिट तक वाले घरेलू उपभोक्ताओं का फ्यूल सरचार्ज सरकार वहन कर रही है। इस बीच नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि एक प्रदेश, दो कानून नहीं चल सकते, आधो को दिया जा रहा है, आधो को नहीं, यह भेदभाव है। मुफ्त बिजली की मांग काे लेकर प्रतिपक्षी सदस्य भी अपनी अपनी सीटाें पर खडे़ हाे गए और हाे हल्ला करने लगा। इस पर ऊर्जा मंत्री नागर ने कहा कि अगर आपकी सरकार की मंशा थी तो आपने रजिस्ट्रेशन का दायरा क्यों रखा? पूर्ववर्ती सरकार ने चुनाव नजदीक देखकर यह घोषणा की थी। यदि उनकी मंशा सभी अन-रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं को भी लाभ देने की होती तो रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की आवश्यकता ही नहीं होती। उन्होंने स्पष्ट किया कि अधिक उत्पादन लागत तथा विद्युत उत्पादन संयंत्रों के बढ़े हुए फ्यूल वेरियेबल चार्जेज के आधार पर राज्य विद्युत विनियामक आयोग के आदेशानुसार ही यह फ्यूल सरचार्ज उभोक्ताओं से लिया जा रहा है।