नई दिल्ली। सोमवार को बजट सत्र के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में नीट-यूजी पेपर लीक मुद्दे पर उठ रहे हर एक सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और इस मामले से संबंधित सभी तथ्य सुप्रीम कोर्ट को सौंप दिए हैं।
बता दें कि नीट-यूजी पेपर लीक मामले की सुनवाई शीर्ष अदालत में चल रही है, जिसकी अगुआई भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ कर रहे हैं। उम्मीद है कि अदालत इस मामले में आज फैसला सुनाएगी।
इंतजार करें
लोकसभा में धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर द्वारा उठाए गए एक सवाल पर ये जवाब दिया है। उन्होंने कहा, ‘सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। हमने सभी तथ्य सुप्रीम कोर्ट के सामने रख दिए हैं। अभी सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई कर रहा है। इसलिए इंतजार करें और देखें कि अदालत क्या निर्देश देती है। यह सदन किसी भी तरह की चर्चा के लिए खुला है।’
सात सालों में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं
शिक्षा मंत्री ने दावा किया कि पिछले सात सालों में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं मिला है, सिवाय इस साल 5 मई को आयोजित NEET-UG के दौरान पटना में हुई यह एक ‘अकेली घटना’ है। उन्होंने कहा, ‘पिछले सात सालों में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं मिला है। यह मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में है और सभी तथ्य सामने आ चुके हैं। भारत के मुख्य न्यायाधीश इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं।’
क्या पद से इस्तीफा देंगे प्रधान?
जब प्रधान से पूछा गया कि क्या कथित अनियमितताओं के कारण वे अपने पद से इस्तीफा देंगे, तो इस पर उन्होंने कहा, ‘मैं अपने नेता प्रधानमंत्री मोदी की इच्छा के अनुसार काम करता हूं। जब जवाबदेही का सवाल उठेगा, तो हमारी सरकार जवाबदेह होगी। जहां तक अनियमितताओं और कदाचार की जानकारी का सवाल है, तो 4700 मामलों में से सिर्फ पटना में एक घटना है और सीबीआई और पुलिस इस पर कार्रवाई कर रही है।’
इस मुद्दे पर बोलते हुए समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि मौजूदा सरकार पेपर लीक का रिकॉर्ड बनाएगी। प्रधान ने जवाब देते हुए कहा कि पिछली कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने केंद्रीकरण प्रक्रिया का समर्थन किया था और मौजूदा आलोचनाएं राजनीति से प्रेरित हैं।