जमीन पर कब्जा कराने पहुंची राजस्व टीम को ग्रामीणो ने खदेड़ा

लगाए गंभीर आरोप, सीएम और डीएम को भेजा पत्र की कार्यवाही करने की मांग

हैदरगढ़ बाराबंकी। तहसील क्षेत्र के शिवनाम ग्राम पंचायत में पूर्वाचल से सटी कीमती जमीन पर लोगों की नजर इस कदर गड़ गई वह महज से चार से पांच माह के अंदर समस्त राजस्व अभिलेख व ब्लाक अभिलेख को दुरूस्त कराकर बैनामा भी कर दिया। जब इस बात की जानकारी ग्रामीणो को हुई तो वह फर्जी बैनामा में आपत्ति दर्ज कराकर दाखिल खारिज पर रोक लगा दिया। इसके बाद विपक्षी क्षेत्रीय लेखपाल मय पुलिस बल के साथ जेसीबी लेकर क्रेता को जमीन कब्जा करने पहुंच गए लेकिन स्थानीय ग्रामीणो के विरोध पर विपक्षी कब्जा करने में असफल साबित हुए और राजस्व टीम बैरंग वापस हो गई। पीड़ित ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के अलावा राजस्व विभाग के उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर कार्यवाही की मांग किया है। जानकारी के मुताविक शिवनाम ग्राम पंचायत के अन्तर्गत देवापुर गांव आता है जो पूर्वाचल एक्सप्रेसवे की सर्विस रोड़ के किनारे बसा है।

सर्विस रोड़ से सटी गाटा संख्या 205 नवीन परती जो लगभग 11 विस्वा जमीन रिक्त पड़ी थी। उक्त जमीन पर 1975-76 में हलका लेखपाल व ग्रामप्रधान ने लगभग 09 विस्वा जमीन देवापुर गांव निवासी स्व. रामहर्ष पुत्र स्व. महावीर विस्वकर्मा जो निसंतान रहे उन्हे खेतिहर पट्टा आवंटन कर दिया। इसी गाटा संख्या नवीन परती पर देवापुर गांव निवासी राकेश के पिता गुरूदीन व उनके पूर्वजो ने 1975 से पूर्व घर बना लिया। इसके बाद गुरूदीन के बड़े भाई रामपाल भी इन्ही आवास के बगल रिक्त पड़ी जमीन में अपना आवास बना लिया और वह भी रहना शुरू कर दिया। 2012 में स्व. गुरूदीन के पुत्र राकेश कुमार के नाम इंदिरा आवास मिला जिसे उक्त गाटा संख्या में ही बनाया गया। जबकि स्व. रामपाल के पुत्र संतराम को आवास का लाभ नही मिला वह कच्ची कोठरी में जीवन बसर कर रहे थे। मुख्यमंत्री को दिए गए सामुहिक प्रार्थना पत्र में संतराम व राकेश कुमार ने बताया है कि स्व. रामहर्ष को जो खेतिहर पट्टा दिया गया था उस जमीन पर रामहर्ष कभी खेती नही किया और ना ही कब्जा किया जिसके कुछ वर्षो के बाद रामहर्ष की मृत्यु हो गई।

ग्रामीणों ने बताया की उनकी कोई आल औलाद नही भी थी इसलिए वह अपनी जमीन किसी को वरासत भी नही किया। शिकायतकर्ताओं ने यह भी बताया कि 20 मार्च 2024 को विपक्षी रामहर्ष के भतीजे ने हलका लेखपाल से सांठ गांठ कर फर्जी तरीके तरीके से वरासत करा लिया और आनन फानन में 27 मार्च को जमीन बेंच डाला। जब उक्त बात की जानकारी राकेश को हुई रजिस्टार आफिस हैदरगढ़ जाकर आपत्ति लगा दिया। जिसके बाद से मामला शांत रहा 18 जुलाई को हलका लेखपाल विपक्षी व पुलिस बल लेकर मौके पर पहुंच गए और जेसीबी से कई वर्षो पुराना खण्डजा खोदकर नाला बना दिया साथ ही उसमें से निकाला मलबा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के समीप फेक दिया। जैसे ही कब्जे की जानकारी ग्रामीणों को हुई तो सैकड़ो ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और पुरूजोर विरोध करना शुरू कर दिया। ग्रामीणो की संख्या देख सभी मौके से भाग निकले जिसके बाद पीड़ित पक्ष ने उक्त मामले की शिकायत राजस्व विभाग के आलाधिकारी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से किया है।

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