नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रविवार को कोलकाता के एस्प्लेनेड में शहीद रैली को संबोधित कर रही हैं। इस दौरान समाजवादी पार्टी (SP) के मुखिया अखिलेश यादव भी मौजूद रहेंगे।
लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव में जीत मिलने के बाद टीएमसी की यह पहली सबसे बड़ी रैली है। रविवार को 21 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में मनाने को लेकर भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की आलोचना की है।
‘आत्मनिरीक्षण दिवस’ मनाए TMC
पूनावाला ने कहा कि पार्टी ‘वाम दलों से भी अधिक हिंसक हो गई है’ और TMC को शहीद दिवस के बजाय इस दिन को ‘आत्मनिरीक्षण दिवस’ के रूप में मनाना चाहिए। पश्चिम बंगाल में बढ़ते अपराधों की आलोचना करते हुए पूनावाला ने कहा, ‘टीएमसी 21 जुलाई को शहीदों को याद करने का दावा करती है, लेकिन वास्तव में यह उनके लिए आत्मनिरीक्षण का दिन होना चाहिए।’
‘माँ माटी मानुष’ नारा
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने वाम दलों की तुलना में ‘अधिक हिंसक रुख’ अपनाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में राजनीतिक हत्याएं हुई हैं और हर चुनाव में हिंसा देखी जाती है। उन्होंने टीएमसी सरकार पर ‘मां माटी मानुष’ के नारे को बम विस्फोटों, भ्रष्टाचार और दुष्कर्मियों का समर्थन करने वाले नारे में बदलने का आरोप लगाया।
क्यों TMC 21 जुलाई को मनाती है शहीद दिवस?
टीएमसी से ‘वामपंथियों से नाता तोड़ने’ का आह्वान करते हुए उन्होंने विपक्षी गठबंधन पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि टीएमसी ‘वाम मोर्चा सरकार द्वारा किए गए अत्याचारों के खिलाफ शहीद दिवस मनाने का दावा करती है, लेकिन दिल्ली में इंडिया गठबंधन में वह उसी के साथ गठबंधन में है।’
जानकारी के लिए बता दें कि टीएमसी हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस मनाती है, जो 1993 में वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ युवा कांग्रेस की रैली के दौरान पुलिस गोलीबारी में 13 लोगों की मौत की याद में मनाया जाता है। उस समय ममता बनर्जी राज्य की युवा कांग्रेस अध्यक्ष थीं।