ढाका। बांग्लादेश में छात्रों का हिंसक विरोध प्रदर्शन लगातार बढ़ता जा रहा है। देश में बढ़ती हिंसक घटनाओं को शांत करने के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है और सैनिकों ने बांग्लादेश की सड़कों पर गश्त करनी शुरू कर दी है।
सरकार भी अब एक्शन मोड में आ गई है और पुलिस को कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिया है।
अब तक 133 की मौत
बता दें कि इस हफ्ते की हिंसा में अब तक कम से कम 133 लोगों की मौत हो चुकी है, जो 15 साल से सत्ता में बनी प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है। शेख हसीना को एक नियोजित राजनयिक दौरे के लिए देश से बाहर जाना था, लेकिन विरोध प्रदर्शनों के कारण उन्होंने अपनी योजना रद्द कर दी।
इस बीच बांग्लादेश से लगभग 1 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र विभिन्न सीमाओं से या हवाई मार्ग से भारत लौटे हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर का भी इसपर बयान आया और उन्होंने छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भरोसा दिया।
आज आएगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला
दूसरी ओर कोटा सिस्टम पर मचे बवाल के बीच आज बांग्लादेश का सुप्रीम कोर्ट फैसला देगा कि विवादास्पद नौकरी कोटा समाप्त किया जाए या नहीं।
पूरे देश में इंटरनेट बंद
बांग्लादेश के अधिकारियों ने पूरे इंटरनेट बंद कर दिया है, जिससे पूरे देश में संचार व्यवस्था बुरी तरह बाधित हो गई है। सरकारी वेबसाइटें अभी भी ऑफलाइन हैं और कई प्रमुख समाचार पत्र अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपडेट नहीं कर पा रहे हैं।
अमेरिकियों को यात्रा न करने की चेतावनी
अमेरिकी विदेश विभाग ने अमेरिकियों को बांग्लादेश की यात्रा न करने की एडवाइजरी जारी की है और चेताते हुए कहा कि वह घातक नागरिक अशांति से ग्रस्त देश से कुछ राजनयिकों और उनके परिवारों को निकालना शुरू कर देगा।
ये है हिंसक प्रदर्शन का कारण
सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर छात्रों के विरोध प्रदर्शन के कारण बांग्लादेश की राजधानी ढाका तथा अन्य स्थानों पर हिंसा बढ़ गई। प्रदर्शनकारी उस कोटा प्रणाली को खत्म करने की मांग कर रहे हैं, जिसके तहत 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले सेनानियों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 फीसद तक आरक्षण दिया जाता है।