आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज ने पसमांदा मुस्लिम को नजरंदाज करने का लगाया आरोप
बाराबंकी। समाजवादी पार्टी का समाजवाद भी गजब है और सोंच भी। जो इन्हें हराने और नीचा दिखाने में लगा रहे, वह मुखिया का सबसे खास और जो आंख मूंदकर भरोसा करे, सत्ता की चाभी सौंपे, बदले में सिर्फ सदन, सत्ता व संगठन में पहचान की उम्मीद करे वह सबसे बड़ा दुश्मन। शायद इसीलिए निष्ठावान कार्यकर्ता और समर्पित समुदाय जैसे कि पसमांदा इनके ठेंगे पर रहता आया है। यह समाजवाद अखिलेश का गढ़ा हुआ है जिसमे मतलबपरस्ती, लालच और सत्ता लोलुपता का मिश्रण है। यह बात आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने अपने बयान में कही। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आजमगढ़ से ताल्लुक रखने वाले अशराफ मुस्लिम व बसपाई गुड्डू जमाली जो हमेशा सपा को गिराने व उनके उम्मीदवार को हराने में कोई कसर नही छोड़ी, सिर्फ सपा की खिलाफत करते रहे। वह सपा मुखिया अखिलेश यादव की आंख का न सिर्फ तारा हैं बल्कि उन्हें सपा से विधान परिषद सदस्य भी बना दिया गया। यह सपा मुखिया अखिलेश यादव का एक चेहरा है। दूसरा चेहरा बदरंग है वह इसलिए क्योंकि सूबे की जिस पसमांदा मुस्लिम आबादी ने सपा का परचम पूरे यूपी में लहराया, कई बार सरकार बनवाने के लिए हरसंभव मदद की। दरी तक बिछाई, आंख बंद कर भरोसा किया, उस पसमांदा के लिए अखिलेश के दिल मे जरा भी प्यार नही झलका। सत्ता, संगठन तो दूर राज्यसभा भेजने तक लायक नही समझा। जबकि सपा की ऐसी तैसी करने वाले अखिलेश यादव की गोद मे बैठे हुए हैं। वर्तमान में सपा संगठन में जितने भी पदाधिकारी मुस्लिम हैं वह सभी अशराफ हैं। एक चेहरा भी पसमांदा नही। अब भला यह कौन सा समाजवाद है। अखिलेश यादव का गढ़ा समाजवाद देखकर शायद बड़े व छोटे लोहिया की आत्मा भी रो रही होगी।