नागरिको ने जताया विरोध तो सभासद् ने की उच्चाधिकारियो से शिकायत
हैदरगढ़ बाराबंकी। प्रदेश सरकार एक तरफ परिषदीय विद्यालय के बच्चो को मीनू मुताविक शुद्व मध्यांतर भोजन देने का दावा कर रही वही शिक्षा क्षेत्र हैदरगढ़ के एक प्रधानाध्यापक और सहा. अध्यापक चंद पैसो की लालच में सरकारी नियम कानून को तांख पर रख कर मानक बिपरीत व गुणवत्ता बिहीन भोजन परोस कर बच्चो की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे है। प्रधानाचार्य और सहा. अध्यापक की इस कार्यशैली से आहत नागरिको ने सभासद् को घेर लिया, जिसके बाद वार्ड सभासद् ने शिक्षको के खिलाफ शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को लिखित शिकायती पत्र भेजकर कार्यवाही की मांग किया है।
जानकारी के अनुसार शिक्षा क्षेत्र हैदरगढ़ के प्राथमिक विद्यालय निदूंरी में बच्चो को मिलने वाला माध्यंतर भोजन में जिम्मेदारो ने सेंध लगा दी। चंद पैसो की खातिर शिक्षक बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है। वार्ड के नागरिकों द्वारा काफी दिनो से शिकायत की जा रही थे कि जिम्मेदारो द्वारा विद्यालय में बच्चो को गुणवत्ता व मानक विहीन भोजन परोस रहे है। सोमवार को भी प्रधानाध्यापक बच्चो को मीनू मुताविक भोजन नही परोसा जिसके बाद वार्ड के नागरिको का पारा सातवें आसमान पर चला गया सभी नागरिक एक राय होकर वार्ड सभासद् प्रतिनिधि राम सूरत के पास गए और शिकायत करते हुए बच्चो को गुणवत्ता पूर्ण मीनू मुताविक भोजन परोसने की गुहार लगाने लगे। जिसके बाद सभासद प्रतिनिधि राम सूरत ने वेपरवाह शिक्षक और प्रधानाध्यापक के खिलाफ खण्ड़ शिक्षाधिकारी के अलावा शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को लेटर भेजकर कार्यवाही की मांग किया। वही इस सम्बध में खण्ड शिक्षाधिकारी हैदरगढ़ से वार्ता किया तो उनका कहना था कि शिकायत मिली है जांचकर कार्यवाही की जाएगी।
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नही बना मीनू मुताविक भोजन
निंदुरी वार्ड के नागरिकों ने बताया कि प्राथमिक विद्यलय में बच्चों को दिया जाने वाला मिडडे मिल कभी सरकारी मीनू मुताविक नही बना। अभिभावको ने आगे बताया कि हर दिन बच्चो को खिचड़ी परोसी जाती है। सोमवार को शिकायत की डर से प्रधानाध्यापक आटे का घोल बनाकर उसमें हल्दी डालकर रोटी के साथ परोसा गया। जब बच्चे घर आए तो अभिभावकों ने पूछा की आज स्कूल में क्या बना तो बच्चो ने बताया कि लपसी रोटी खोने को दिया है। विद्यालय में अध्यनरत छात्र नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि हम लोगो को दूध और फल कभी नही दिया गया हर दिन खिचड़ी ही बनाई जाती है और जो भी बनता है उसमें तेल मशाला का नामो निशान नही होता।
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पूर्व में लग चुके प्रधानाचार्य पर आरोप
प्राथमिक विद्यालय निंदूरी में तैनात प्रधानाध्यापक अमरेंद्र शर्मा शैक्षणिक कार्य में अनियमितता को लेकर सुर्खियों में तो बने ही रहते हैं। वही पूर्व में यौन शोषण करने तक के गभीर आरोप लग चुके हैं बताया जाता है की यह आरोप कोई और नहीं बल्कि उन्ही के विद्यालय में चयनित एक रसोइया ने लगाया था, काफी दिनों तक यह मामला चर्चित रहा। यह मामला यही तक नही सीमित नही रहा बल्कि विभागीय उच्च अधिकारियों तक भी पहुंचा। जिसके बाद किसी तरह से मामला शांत हुआ। इस कांड़ में प्रधानाध्यापक उंची पहुंच के चलते बच गए, वही आरोप लगाने वाली रसोइया को विद्यालय से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
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विद्यालय परिसर में बच्चे खेलते है कंचा
प्राथमिक विद्यालय निंदुरी में मध्यांतर भोजन के उपरांत स्थानीय और विद्यालय में अध्यनरत बच्चे कंच्चा और पैसा खेलते है। जब बच्चो से पूछा गया तो बच्चो ने बताया कि हमारे स्कूल में खेल सामग्री नही है और होगी भी तो आज तक प्रधानाध्यापक खेलने को नही दिया। कंचा और पैसा खेल रहे बच्चो से जानकारी ली गई तो कुछ तो विद्यालय के छात्र निकले तो कुछ बाहरी गांव के बच्चे थे जो कंच्चा खेलने सिर्फ विद्यालय आते है। वही विद्यालय में तैनात अध्यापक सब कुछ जानते हुए अंजान बने रहते है और हर वक्त मोबाइल में ध्यान केंद्रित रखते है। यदि ऐसा ही रहा तो कैसे सवरेगा बच्चो का भविष्य।