कानपुर। समाजवादी पार्टी की अंदरूनी राजनीति और नेताओं का आपसी मनमुटाव शनिवार को कार्यकारिणी की मासिक बैठक के बाद उभरकर सामने आया। महानगर अध्यक्ष के कारण बताओ नोटिस जारी करने के बयान से भड़के सपा विधायक अमिताभ वाजपेयी ने कहा कि विधायक को नोटिस भेजने और जवाब मांगने का अधिकार महानगर अध्यक्ष के पास नहीं है।
दूसरी ओर महानगर अध्यक्ष फजल महमूद ने कहा कि नोटिस उन नेताओं को भेजी जाएगी, जो संगठन के पदाधिकारी और पार्षद टिकट के दावेदार रहे हैं। फजल महमूद ने मासिक बैठक से गायब लोगों का जिक्र करते हुए कहा कि अब ऐसे सभी लोगों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा जाएगा, जो पार्टी बैठक में शामिल नहीं होते हैं। हालांकि बयान में उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि नोटिस क्या सपा विधायकों को भी दिया जाएगा। इस बारे में जब सपा विधायक अमिताभ वाजपेयी से पूछा गया तो वह भड़क उठे।
कहा कि फजल महमूद संगठन के जिलाध्यक्ष हैं, विधायक संगठन का पदाधिकारी नहीं होता है। वह जवाब अपने संगठन के पदाधिकारियों से मांग सकते हैं, लेकिन विधायक से जवाब मांगने का अधिकार नहीं है। जहां तक बैठक की बात है, तो केंद्रीय नेतृत्व से मिलने वाले सभी कार्यक्रमों में शामिल होता रहा हूं।
बैकफुट पर आए फजल
सपा विधायक के तल्ख जवाब की जानकारी मिलने पर बैकफुट पर आए फजल ने कहा कि नोटिस ऐसे लोगों को दिया जाएगा, जो पार्टी पदाधिकारी हैं और राष्ट्रीय अध्यक्ष के जन्मदिवस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। इनमें वह लोग भी शामिल हैं, जो नगर निगम चुनाव में पार्षद का टिकट मांग रहे थे। विधायक के लिए मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा है।
दूसरी ओर सपा संगठन के लोगों का कहना है कि महानगर अध्यक्ष व सपा विधायकों के बीच सबकुछ सामान्य नहीं है। करीबी लोगों को नोटिस देने के बहाने निशाना विधायकों पर ही साधा जा रहा है। अब मामला तूल पकड़ रहा है, तो संभालने की कोशिश हो रही है।