नेपाल में हो रही लगातार बारिश से गोरखपुर-बस्ती मंडल के जिले के लोग बेबस नजर आ रहे हैं। यहां बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने से गोरखपुर के छह गांवों बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। गंडक खतरे के निशान को पार कर गई है।
इसके चलते महराजगंज और कुशीनगर में नदी के किनारे बसे गांवों की हजारों एकड़ खेती डूब गई है। सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने के चलते संतकबीरनगर के धनघटा तहसील क्षेत्र के 15 गांवों पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
राजघाट के बैकुंठ धाम तक आया बाढ़ का पानी
गोरखपुर मंडल की प्रमुख नदियां गंडक, छोटी गंडक, राप्ती, सरयू और रोहिन हिमालय से निकली हैं। नेपाल के तराई वाले क्षेत्र से ये नदियां यूपी में प्रवेश करती हैं। इसमें से गंडक नदी पर वाल्मीकिनगर में बैराज बना है, जबकि अन्य नदियों में पानी सीधे सैलाब लाता है।
नेपाल के पहाड़ों पर जब भी बारिश होती है तो ढलान के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ने लगता है। वाल्मीकिनगर बैराज में पानी बढ़ने पर एक बार में ही हजारों क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है। शुक्रवार को गंडक नदी में वाल्मीकिनगर बैराज से 3 लाख 30 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
राप्ती नदी का बढ़ा जलस्तर
नदी खतरे के निशान से 28 सेमी ऊपर बह रही है, जिसके चलते महराजगंज के अलावा कुशीनगर में भी करीब 30 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। यहां मवन नाले का जलस्तर बढ़ने के चलते कप्तानगंज रेलवे स्टेशन के पास तक पानी पहुंच गया है। इसी तरह महराजगंज में जिले में चंदन, झरही उर्फ प्यास और भौरहियां नाले का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है।
सिद्धार्थनगर जिले के शोहरतगढ़ तहसील क्षेत्र के खैरी उर्फ झुंगहवा, तौलिहवा, खैरी शीतल प्रसाद, मटियार उर्फ भुतहवा आदि गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं। हर साल इन गांवों के लिए बरसात में दिक्कत बढ़ जाती है। खेती भी बुरी तरह प्रभावित हुई है।
माना जा रहा है कि इस साल धान ही खेती में किसाानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। संतकबीरनगर जिले में भी सरयू का जलस्तर लोगों को डरा रहा है। जिले के धनघटा तहसील क्षेत्र के गायघाट दक्षिणी, सियरकला, दौलतपुर, गुनवतिया, चकदहा, सुअरहा, भौवापार आदि गांव के चारों तरफ पानी पहुंच गया है। लोग बांधों पर सुरक्षित ठिकाना तलाश रहे हैं।