सावन श्रवण नक्षत्र, प्रीति और सर्वार्थ सिद्धि योग में 22 जुलाई से सावन शुरु

जयपुर। आदिदेव महादेव के 22 जुलाई से शुरू हो रहे सावन माह में पार्थिव शिवलिंग की भी अर्चना होगी। सावन की सोमवार से शुरुआत होने और सावन को ही समापन होने से शिव भक्तों में भारी उत्साह है। छोटी काशी शिवालयों पूरे माह भगवान भोलेनाथ का अभिषेक, महामृत्युंजय मंत्र जाप तो होंगे ही और साथ ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर पूजन और अभिषेक करेंगे। पूरे सावन माह में विभिन्न मंदिरों एवं अन्य स्थानों पर इन पार्थिव शिवलिंगों की संख्या सवा लाख से भी अधिक हो सकती है। कई मंदिरों में प्रतिदिन सैंकड़ों की संख्या में पार्थिव शिवलिंग बनाए जाएंगे।

इसी कड़ी में श्री शिवमहापुराण कथा समिति जयपुर की ओर से श्रावण मास में 17वां 251 श्री शिव पार्थिव महारुद्राभिषेक 4 अगस्त को गोविंद देवजी मंदिर के सत्संग भवन में होगा। श्री शिव महापुराण कथा समिति के महामंत्री अरुण खटोड़ ने बताया कि पूजन सहयोग राशि 4100 रूपए रखी गई है। आसन सीमित हैं।

ज्योतिषाचार्य गौरवा गौड ने बताया कि 22 जुलाई को सावन श्रवण नक्षत्र, प्रीति और सर्वार्थ सिद्धि योग में शुरू होगा। माह के अंतिम दिन 19 अगस्त को शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि रहेगी। इस दिन शोभन योग रहेगा। सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई, दूसरा 29 जुलाई, तीसरा 5 अगस्त, चौथा 12 अगस्त और पांचवां सोमवार 19 अगस्त को रहेगा।

छोटी काशी के विभिन्न मंदिरों से जुड़े युवा टोली बनाकर हरिद्वार, लोहार्गल और गलताजी से कावड़ लाएंगे। हर सोमवार को युवाओं की टोली कॉलोनी के मंदिरों में झांकी सजाने और भजन संध्या के आयोजन की जिम्मेदारी भी संभालेगी।

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