नई दिल्ली। मानसून में मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के मद्देनजर बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने डेंगू की रोकथाम और प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री को देश भर में डेंगू की स्थिति की तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई। बैठक में बताया गया कि केंद्रित, समयबद्ध और सहयोगात्मक गतिविधियों के परिणामस्वरूप डेंगू मामले की मृत्यु दर 3.3 प्रतिशत (1996) से घटकर 2024 में 0.1 प्रतिशत हो गई है।
मानसून की शुरुआत से उत्पन्न चुनौती और बरसात के मौसम के दौरान डेंगू के मामलों की बढ़ती संख्या के खतरे को रेखांकित करते हुए जे पी नड्डा ने डेंगू के खिलाफ तैयार रहने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को डेंगू के खिलाफ रोकथाम और प्रबंधन उपायों को मजबूत करने का निर्देश दिया।
जेपी नड्डा ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे मुख्य रूप से उच्च बोझ वाले राज्यों और क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करें, जहां अक्सर प्रकोप की सूचना मिलती है। उन्होंने अधिकारियों से डेंगू की रोकथाम पर ठोस परिणाम लाने के लिए राज्यों के साथ सक्रिय रूप से काम करने का आग्रह किया। उन्होंने विशेष रूप से आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए), ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी), शिक्षा मंत्रालय और नगर निगमों और स्थानीय स्वशासन को शामिल करते हुए अंतर-मंत्रालयी अभिसरण बैठक पर जोर दिया।
उन्होंने डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए
अधिकारियो को 24/7 केंद्रीय हेल्पलाइन नंबर बनाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही राज्यों को समान सहायता के लिए हेल्प लाइन नंबर चालू करने की सलाह दी गई। अस्पतालों को समर्पित डेंगू वार्ड के साथ पूरी तरह से प्रशिक्षित कर्मचारी और दवाओं को सुनिश्चित करने को कहा ।