नई दिल्ली। बंगाल में महिलाओं के साथ बर्बरता वाली घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आज पश्चिम बंगाल का एक और महिला को डंडे से मारने की घटना को लेकर ममता सरकार की आलोचना की और पूछा कि क्या राहुल गांधी और अन्य गठबंधन नेता पीड़िता से मिलने जाएंगे।
भाजपा प्रवक्ता ने अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो साझा किया जिसमें कुछ लोग एक लड़की की पिटाई कर रहे हैं। वीडियो के कैप्शन में उन्होंने लिखा, “चोपड़ा तालिबानी पिटाई के बाद बंगाल से एक और भयानक तालिबानी वीडियो।”
लड़की को मारने वाला TMC विधायक का एक करीबी सहयोगी
शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया कि वीडियो में टीएमसी विधायक का एक करीबी सहयोगी अपने गिरोह के साथ एक लड़की की पिटाई कर रहा है। शहजाद पूनावाला ने एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा, “एक और बंगाल तालिबानी वीडियो सामने आया है, जिसमें दिखाया गया है कि एक महिला को तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के करीबी व्यक्ति द्वारा बेरहमी से पीटा जा रहा है।”
क्या राहुल गांधी इस महिला से मिलने जाएंगे?
दोषियों को बचाने के लिए बंगाल सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि आज ममता सरकार ने अपना नारा ‘मां माटी मानुष’ से बदलकर ‘बलात्कारी बचाओ’, ‘भ्रष्टाचारी बचाओ’ और ‘बम विस्फोट करने वालों को बचाओ’ कर लिया है। इस मुद्दे पर चुप्पी बनाए रखने के लिए इंडिया ब्लॉक की आलोचना करते हुए पूनवाला ने कहा, “दुखद बात यह है कि जो नेता महिला सशक्तिकरण की बहुत बात करते हैं और मणिपुर पहुंचने वाले अन्य लोग, जैसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी, क्या वे इस महिला से मिलने जाएंगे? क्या वे ममता सरकार के खिलाफ बात करेंगे? क्या प्रियंका वाड्रा, प्रियंका चतुर्वेदी और आम आदमी पार्टी जैसे नेता इस मुद्दे पर बोलेंगे? नहीं, संदेशखली, स्वाति मालीवाल, चोपड़ा में तालिबानी घटना और हाल ही में हुई तालिबानी घटना पर सिर्फ चुप्पी है।”
‘टीएमसी नेता ऐसी घटनाओं का बचाव कर रहे’
बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने भी इस वीडियो को ट्वीट करते हुए राज्य की सत्ता में काबिज तृणमूल कांग्रेस सरकार पर हमला बोला। पूनावाला ने इस घटना पर कहा कि इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं। इस तरह की घटनाओं से यह साबित हो गया है कि TMC मतलब ‘तालिबानी मुझे चाहिए’ हो गया है। टीएमसी नेता इसका बचाव कर रहे हैं। उन्होंने चोपड़ा घटना और संदेशखली घटना का भी बचाव किया, जिसके लिए ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार भी लगाई थी।”