तहसील क्षेत्र की लगभग दो लाख की आबादी को झेलना पडता है बाढ का दंश
मिहींपुरवा बहराइच मिहींपुरवा तहसील क्षेत्र से नेपाल से आकर बहने वाली नदियों में लगातार हो रही जलस्तर में वृद्धि के कारण मिहींपुरवा के उपजिलाधिकारी संजय कुमार ने चौधरी चरण सिंह गिरिजा बैराज कैलाशपुरी गोपिया बैराज तथा घाघरा की कटान व बाढ क्षेत्र का दौरा कर बाढ की तैयारियों का जायजा लिया तथा ग्रामीणों से संवाद स्थापित करते बाढ चौकियों के संबंध में जानकारी दी बाढ से निपटने के लिए प्रसाशन द्वारा मिहींपुरवा तहसील क्षेत्र में 19 बाढ चौकी बनाई गई है जहां पर स्वच्छ पानी बिजली भोजन भूसा के साथ साथ राजस्व विभाग स्वास्थ्य विभाग विकास विभाग की संयुक्त टीम मुस्तैद है नेपाल के पहाड़ों से आकर भारत में प्रवेश कर मिहींपुरवा तहसील क्षेत्र में बहने वाली दो प्रमुख नदियां घाघरा नदी तथा सरयू नदी हर वर्ष तबाही मचाती है इन दोनों नदियों की तबाही से मिहींपुरवा तहसील क्षेत्र के सैकड़ों गांवों की लगभग दो लाख की आबादी बाढ की विभीषिका से प्रभावित होती है बरसात के मौसम के शुरू होते ही यह नदियां कटान इतनी तेज कर देती हैं कि सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि नदी में समाहित हो जाती है.
मिहींपुरवा तहसील क्षेत्र में घाघरा नदी से प्रभावित गांव आम्बा विशुनापुर फकीरपुरी चहलवा जंगल गुलरिहा सुजौली बडखडिया महराज सिंह नगर कठौतिया मंझरा गिरगि्ट्टी सोमईगौढी जालिमनगर तथा सरयू नदी से बाढ प्रभावित गांव करमोहना नौकापुरवा पडरिया सर्राकला बखारी पौंडा मजगवा पुरैना रघुनाथपुर मटेही सोहनी नारायनपुर कला चन्दनपुर बढैयाकला दलजीतपुरवा भवनियापुर बगहा सोंगवा रामपुर धोबिया आदि गांव हैं बाढ की तैयारियों के संबंध में खण्ड विकास अधिकारी मिहीपुरवा अजीत कुमार सिंह ने बताया कि बाढ प्रभावित सभी गांव में ग्राम पंचायत द्वारा नाव की व्यवस्था है लगभग 150 नाव है तथा गोपिया बैराज पर बाढ शिविर केन्द्र शेड पिछले साल बनाये गये हैं जहां पर बाढ प्रभावित हजारों लोग रह सकते हैं।