आलोक तिवारी निष्पक्ष प्रतिदिन
इस वर्ष देर से हुई बारिश के चलते
मड़ियांव लखनऊ। शुरुआती दौर में तो बाजार में हरी सब्जियों सहित अन्य सब्जियों की भरपूर आवक रही दवाओं और खादों के बलबूते लंबे समय तक चली मगर देर से हुई बारिश ने पूरा बजट बिगाड़ दिया है। बाहर से आने वाली सब्जियों की आवक मौसम की वजह से कम तो हुई ही परंतु सब्जियों की खेती करने और रोजमर्रा की बाजारों में सब्जी बेचने वालों के सब्जियों के दाम रसोईघरों के बजट पूरी तरह भी उछाल पर है । अब ऐसे में दामाडोल हो गए है टमाटर प्याज व आलू सहित अन्य जरूरी सब्जियों की कीमतों में जैसे आग लगी हुई है। पिछले 15 दिनों में थोक मंडियों से लेकर फुटकर बाजार तक कुछ सब्जियों की कीमतों में दोगुनी कीमतों तक का उछाल आया है। आम आदमी की थाली से हरी सब्जियां छोड़िए साहब मानो सब्जी ही गायब होने लगी हैं। लोगों के रसोई का बजट बिगड़ने लगा है।
फुटकर बाजार में टमाटर 40 से बढ़कर 2100 प्रति किलो तक पहुंच गया है वही ?30 किलो बिकने वाले प्याज का भाव ?60 को पार कर गया है। सब्जियों की कीमतों की पड़ताल से पता चला कि कुछ सब्जियों के दाम मौसम की मार आलू, प्याज और टमाटर सबके बढ़ गए दाम? और कम आवक की वजह से ही बढ़े हैं। वही आलू प्याज के दाम थोक मंडी में काफी कम होने के बावजूद फुटकर बाजारों में काफी ज्यादा है। थोक मंडी में हरी व अन्य सब्जियों की कोमतों में 50 प्रतिशत तक का उछाल आया है |मंडी के आढ़तियों और बाजार के जानकारों का कहना है कि जून की तपिश व भारी बारिश की वजह से हरी सब्जियों के खराब होने से आवक कम हुई है और डिमांड और सप्लाई से अंतर में यह बढ़ोतरी आई है।