“लोकतंत्र का काला अध्याय” विषयक संगोष्ठी में हुआ लोकतंत्र रक्षक सेनानियों का सम्मान
बाराबंकी। हिंदुस्तान में ऐसे तीन सौ परिवार हैं जिनके पास राजनीति गिरवी रखी है। जिनके पास सेंटर पॉवर है। जो जाति और पैसों के आधार पर टिकट बांटते हैं। यह सब आपातकाल के दुष्परिणाम का नतीजा है। यह बात मंगलवार को गांधी भवन में आपातकाल की 49वीं वर्षगांठ पर आयोजित लोकतंत्र का काला अध्याय विषयक संगोष्ठी एवं लोकतंत्र रक्षक सेनानी सम्मान कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कानपुर कैंट से विधायक रहे गणेश दीक्षित ने कही। इस दौरान कार्यक्रम संयोजक समाजवादी चिंतक राजनाथ शर्मा ने लोकतंत्र रक्षक सेनानी गणेश दीक्षित, लोकतंत्र रक्षक सेनानी परिषद के जिला संयोजक अजय सिंह गुरुजी, समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष स्व देवेंद्र नाथ पाठक को मरणोपरांत उनके भाई योगेंद्र नाथ पाठक का नागरिक अभिनंदन किया गया।
श्री दीक्षित ने आगे कहा कि वर्तमान युवा पीढ़ी आंदोलन का नाम नहीं जानती। केवल नेताओं के आगे पीछे चक्कर लगाती है। बिना सड़क पर लगे परिवर्तन नहीं हो सकता और जब सड़क पर आंदोलन नहीं होगा तब तक संसद वीरान पड़ी रहेगी। लोकतंत्र रक्षक सेनानी परिषद के जिला संयोजक अजय सिंह गुरुजी ने कहा कि लोकतंत्र के ऐसे प्रहरी जिन्होंने आपातकाल के दौरान जेलों में यातनाएं सही वह आपातकाल की स्मृतियों का स्मरण नहीं करना चाहता। आपातकाल में संविधान की रक्षा के लिए आंदोलन हुए। आंदोलनकारी जेल भेजे गए। तब जाकर कांग्रेस सत्ता से हटी और एक लोकतांत्रिक सरकार सत्ता में आई। आज देश का दुर्भाग्य है कि आपातकाल का विरोध करने वाले सत्ता के लिए कांग्रेस की गोद में जा बैठे हैं।
गांधी जयंती समारोह ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा ने आपातकाल में बिताए अपने संस्मरणों को साझा किया। उन्होंने कहा कि आपातकाल किसी क्रांति का परिणाम नहीं था। यही वजह रही कि महज तीन साल में जनता पार्टी की सरकार ध्वस्त हो गई और एक बार फिर कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई। हमें विरोध की आदत डालनी चाहिए। अन्याय का प्रतिकार करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि लोक कल्याणकारी सरकार का दायित्व है कि हर वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य, यात्रा और निवास की व्यवस्था करे। साथ ही लोकतंत्र रक्षक सेनानियों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा, राजकीय अतिथि ग्रह में रहने की व्यवस्था और रेल व बस में निःशुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध कराए। कार्यक्रम का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से सुभाष पाठक, सुरेश गुप्ता, हुमायूं नईम खान, ज्ञान सिंह यादव, भागीरथ गौतम, मृत्युंजय शर्मा, विनय कुमार सिंह, सलाउद्दीन किदवई, फरहान अहमद, अताउरहमान, सत्यवान वर्मा, अजीज अहमद, विजय कुमार सिंह मुन्ना, नीरज दूबे, जलाल नईम खान, राजू सिंह, राजेश यादव, महेंद्र रावत आदि कई लोग मौजूद रहे।