नई दिल्ली। भारत में एक जुलाई 2024 यानी सोमवार से नई आपराधिक न्याय प्रणाली लागू हो गई है। अंग्रेजों के जमाने के कानूनों की जगह भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली बनाने के दौरान इसे अत्याधुनिक बनाने का फैसला किया गया।
कैबिनेट ने 3375 करोड़ रुपये आवंटित किये
इसके लिए 2022 में इन अलग-अलग प्लेटफॉर्म को एक साथ जोड़ने के लिए कैबिनेट ने 3375 करोड़ रुपये आवंटित किये। दो साल में यह काम काफी हद तक पूरा हो गया है।
नए कानूनों पर क्या बोले सौरभ भारद्वाज
वहीं नए आपराधिक कानूनों पर दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है कि मेरा मानना है कि कानूनों में कोई खामी नहीं है। खामियां उनके क्रियान्वयन में हैं, जांच एजेंसियों में हैं, पुलिस उन कानूनों पर कार्रवाई नहीं करती। मुझे लगता है कि नए कानूनों के कारण आने वाले कई सालों तक बहुत भ्रम की स्थिति बनी रहेगी।
भारद्वाज बोले- पुलिस की मनमानी बढ़ेगी
भारद्वाज ने कहा कि एक आम नागरिक जिसने बड़ी मुश्किल से कुछ कानूनों को समझा है, उसे अपना केस दर्ज करवाने में, उन धाराओं के तहत केस दर्ज करवाने में दिक्कत आएगी, जिसके तहत केस दर्ज होना है। मुझे लगता है कि इससे पुलिस की मनमानी बढ़ेगी।
उधर, तीन नए आपराधिक कानून लागू होने के बाद, दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने कहा कि दिल्ली पुलिस तीनों नए कानूनों को लागू करने के लिए तैयार है। हमने आज सुबह से नए कानूनों के तहत एफआईआर दर्ज करना शुरू कर दिया है।