नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दालों की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण पाने और जमाखोरी रोकने के लिए संग्रहण की अधिकतम सीमा (स्टॉक लिमिट) तय कर दी है। यह स्टॉक लिमिट तूर, चना और काबुली चना पर भी लागू की गई है। ये आदेश शुक्रवार से लागू हो गया है, जो 30 सितंबर, 2024 तक प्रभावी रहेगा।
उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि सरकार ने दालों की बढ़ती कीमतों को रोकने और जमाखोरी पर नियंत्रण के लिए स्टॉक लिमिट निर्धारित कर दी है। केंद्र का यह निर्णय मिलों के मालिक, दाल के थोक, खुदरा एवं बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं के साथ आयातकों पर तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है, जो 30 सितंबर तक प्रभावी रहेगा।
मंत्रालय के मुताबिक फिलहाल इसके दायरे में अरहर दाल, चना एवं काबुली चना को लाया गया है। सरकार के फैसले के मुताबिक थोक विक्रेता अधिकतम 2 सौ टन दाल का संग्रहण कर पाएंगे, जबकि खुदरा विक्रेताओं के लिए यह मात्रा 5 टन होगी। साथ ही बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेता अपनी दुकानों पर ज्यादा से ज्यादा पांच टन और डिपो पर 2 सौ टन दाल रख सकते हैं। इसके अलावा मिल मालिकों की संग्रहण की सीमा भी तय की गई है। वो अब पिछले तीन महीने के दाल उत्पादन या वार्षिक क्षमता का 25 फीसदी, जो भी ज्यादा हो का स्टॉक कर पाएंगे।