पटना। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर मिश्र ने कहा कि लालू का परिवार जातिवाद की पराकाष्ठा को पार कर गया है। तेजस्वी यादव लाशों में भी जाति ढूंढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव की स्थिति ‘चोर बोले जोर से’ जिसका परिवार जंगल राज का सूत्रधार रहा है, जिनके शासनकाल में कई नरसंहार हुए, वह आज कानून व्यवस्था की पाठ पढ़ा रहा है।
तेजस्वी यादव में गड़बड़ी यह है कि…
प्रभाकर मिश्र ने कहा कि बिहार में कानून का राज है। अपराध करने वाले चाहे कोई भी हों, बख्शे नहीं जाते। अपराध करनेवालों की जगह जेल में है। तेजस्वी यादव में सबसे बड़ी गड़बड़ी यही है कि हर घटना को जाति का चश्मा लगा कर देखते हैं। अब चुनाव बीत गया, अब तो जाति के दायरे से बाहर निकलना चाहिए। छपरा में अधिवक्ता पिता-पुत्र की हत्या दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन, तेजस्वी दुख इसलिए जता रहे हैं कि अधिवक्ता पिता -पुत्र यादव जाति के थे। यह तेजस्वी की घड़ियाली आंसू है।
जदयू नेता उमेश कुशवाहा ने भी तेजस्वी यादव पर बोला हमला
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने शनिवार को कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आपराधिक घटनाओं को एक जाति विशेष से जोड़कर समाज में अशांति फैलाना चाहते हैं। उन्होंने पुन: घृणित मानसिकता का परिचय दिया है। जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह बात सभी को पता है कि जातीय उन्माद की राजनीति राजद की पसंद रही है।
यही वजह है कि लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद तेजस्वी यादव अब अपने पिता के नक्शे कदम पर चलकर समाज को बांटने में लगे हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजे से यह स्पष्ट मालूम पड़ता है कि राजद का पारंपरिक वोट बैंक अब उनसे दूर जा रहा है। राजद की राजनीतिक जमीन पूरी तरह से खिसक चुकी है।
आखिर कब तक लालू परिवार छल-प्रपंच के सहारे जनता को बेवकूफ बनाता रहेगा। राजद की राजनीति की कलई खुल चुकी है। तेजस्वी यादव के सामने अब अपनी पार्टी के अस्तित्व को बचाने की चुनौती है। यही वजह है कि बौखलाहट मे वह अनाप-शनाप बयान दे रहे। एक सोची समझी रणनीति के तहत तेजस्वा यादव चुनिंदा आपराधिक घटनाओं को जातीय रंग दे रहे।