लखनऊ। प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने बताया कि सिंचाई विभाग की पहल पर छोटी गंडक नदी को पुनर्जीवित करने का सपना साकार हो रहा है। उन्होंने बताया कि नदी के सेक्शन की पुनर्स्थापना का कार्य प्रारम्भ हुआ तो मूलस्वरूप देने की प्रक्रिया में भूजल का स्तर नदी में आने लगा है।
छोटी गण्डक के बारे में जलशक्ति मंत्री ने बताया कि घुमावदार भूजल आधारित छोटी गंडक नदी, नेपाल राष्ट्र के परसौनी जनपद नवलपरासी से उद्गमित होकर भारत राष्ट्र में लक्ष्मीपुर खुर्द ग्राम सभा जनपद महराजगंज उत्तर प्रदेश में प्रवेश करती है। यह नदी महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया जनपदों में दो सौ पचास किलोमीटर की लम्बाई में बहती हुई अनन्तः बिहार राज्य के सीवान जिले के गोठानी के पास घाघरा नदी में मिल जाती है।
स्वतंत्रदेव सिंह ने आगे कहा कि छोटी गण्डक के भारत राष्ट्र में प्रवेश करने के उपरान्त प्रारम्भ के लगभग दस किलोमीटर लम्बाई में अस्तित्व लगभग समाप्त हो चुका था। जिसके कारण नदी सेक्सन में पूणर्तः सिल्टेड व संकुचित होकर कृषि कार्य किया जाने लगा। इस नदी को पुनजीवित करने के लिये कार्य तेजी से किया गया है।
गुर्रा नदी का भू-गर्भ जल स्तर भी बढ़ा
सिंचाई विभाग ने गुर्रा नदी के ढाल को कम करके ग्रीष्म ऋतु में राप्ती नदी में निरन्तर प्रवाह बनाकर जनपद गोरखपुर के सत्ताईस ग्राम तथा जनपद देवरिया के छह ग्रामों सहित कुल तैतीस ग्रामों की लगभग साठ हजार की आबादी तथा पशु-पक्षियों को लाभान्वित करने के साथ भू-गर्भ जल को भी बढ़ाने का कार्य किया है। गुर्रा नदी से बाढ़ से होने वाली क्षति को कम करके गोरखपुर एवं देवरिया के कुल छब्बीस ग्रामों की पैतीस हजार आबादी को सुरक्षित करने के सराहनीय कार्य किया गया है।