मध्य प्रदेश के सीहोर के पंडित प्रदीप मिश्रा की टिप्पणी पर वृंदावन के संत प्रेमानंदजी महाराज ने जताई कड़ी आपत्ति

वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वे कथावाचक प्रदीप मिश्रा पर बिगड़ते नजर आ रहे हैं सोशल मीडिया पर दो धर्म-मर्मज्ञों के बीच जंग छिड़ी है दोनों ही प्रकांड विद्वान लाडली राधारानी जी के विवाह और उनके जन्मस्थान को लेकर भिड़े हुए हैं हालांकि, इससे पहले प्रेमानंद महाराज को इतनी कठोर वाणी कहते हुए कभी नहीं सुना

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में मध्य प्रदेश में सीहोर जिले के रहने वाले प्रसिद्ध कथावाचक प्रदीप मिश्रा को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि भगवान कृष्ण की 16,108 रानियों में राधाजी का नाम नहीं है और राधा के पति में कृष्ण का नाम नहीं है पंडित मिश्रा राधाजी के पति का नाम बताते हैं अनय घोष राधाजी की सास का नाम था जटिला और ननद का नाम था कुटिला

वे बताते हैं कि राधाजी का विवाह ग्राम छाता में हुआ था प्रदीप मिश्रा राधारानी की जन्मस्थली के बारे में भी खुलासा करते हुए कहते हैं कि राधारानी बरसाने की नहीं बल्कि ग्राम रावल की थीं बरसाने में तो राधाजी के पिताजी की कहचरी थी जिसमें राधाजी वर्ष में एक बार कहचरी में जाती थीं इसलिए उसका नाम है बरसाना यानी वर्ष में एक बार आना

इसके प्रति उत्तर में प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि किस राधा की बात करते हो, अभी जाना कहां है राधा को वे कहते हैं कि अगर राधा को जान जाएगा तो आंसुओं से वार्ता होती है वाणी मूक हो जाती है वे पंडित प्रदीप मिश्रा को चुनौती देते हुए कहते हैं कि कभी गया है बरसाने कभी देखा है श्रीजी को वे कहते हैं कि कैसे बताऊं ह्रदय की बात कि हमारी लाडली जी क्या हैं- जो वृषभानपुर में, बरसाने में नित्य प्रगट हैं

वे कहते हैं कि ये चापलूसी से तुम संसार वालों को रिझा सकते हो, लेकिन श्रीजी के विषय में कुछ उल्टा-सीधा ना बालें, क्योंकि उनकी इतनी शक्तियां हैं कि तुम किसी काबिल नहीं रहोगे

कौन हैं पंडित प्रदीप मिश्रा
इस विवाद के बारे में गूगल पर प्रदीप मिश्रा को सबसे ज्यादा खोजा जा रहा है आपको बता दें कि पंडित प्रदीप मिश्रा प्रसिद्ध कथावाचक, आध्यात्मिक गुरु और भजन गायक हैं वे भारत सहित बाहर के देशों में भी कथा करने जाते हैं उनकी कथाएं अधिकांशतः शिव पुराण पर आधारित होती हैं प्रदीप मिश्रा मध्य प्रदेश के सीहोर के रहने वाले हैं पिछले दिनों मार्च के महीने में होली के आयोजन के दौरान किसी ने उनकी तरफ नारियल फेंका जो उनके सिर पर लगा था इससे उनके सिर में अंदरुनी चोट आई इस चोट के चलते पंडित प्रदीप मिश्रा को अप्रैल में होनी वाली कथा के आयोजन को रद्द करना पड़ा था

पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया कि वे गिर्राजजी के उपासक रहे हैं गोवर्धन की परिक्राम में पड़ने वाले चकलेश्वर महादेव से उनकी लगन लगी और फिर वे शिव के उपासक हो गए उन्होंने बताया कि पहली बार 1999 में शिवपुराण के अंतर्गत श्रीमद्भागवत कथा की शुरूआत की थी, तभी से यह सिलसिला आजतक जारी है

सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव
पंडित प्रदीप मिश्रा रुद्राक्ष महोत्सव के लिए जाने जाते हैं हर वर्ष सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में वे रुद्राक्ष महोत्सव का आयोजन करते हैं इस साल 7 से 13 मार्च तक रुद्राक्ष महोत्सव का आयोजन किया गया था रुद्राक्ष महोत्सव में प्रदीप मिश्रा अभिमंत्रित रुद्राक्ष का वितरण करते हैं इन रुद्राक्षों को लेने के लिए यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं इन अभिमंत्रित रुद्राक्षों को लेने के लिए लोग पहले से ही ऑनलाइन बुकिंग कराते हैं हालांकि कुबेरेश्वर धाम का दावा है कि वे प्रत्यक्ष रूप से रुद्राक्षों का वितरण करते हैं, ऑनलाइन रुद्राक्ष नहीं दिए जाते हैं

7 दिनों तक रुद्राक्ष महोत्सव का आयोजन किया जाता है और शिव पुराण की कथा होती है बताया गया है कि इस साल रुद्राक्ष महोत्सव में 51 लाख रुद्राक्ष अभिमंत्रित किए गए थे इस महोत्सव में लाखों की संख्या में आम आदमी लेकर फिल्मी दुनिया के सितारे, नेता, मंत्री और बड़े-बड़े कारोबारी पहुंचते हैं

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