पीड़ित ने जनता दरबार पहुंचकर मुख्यमंत्री से लगाई न्याय की गुहार
मलिहाबाद,लखनऊ। एक्सिस बैंक का सारा कर्ज अदा करने के बाद भी उसे और रुपए जमा करने की नोटिस थमा दी गई है जिससे तंग आकर पीड़ित ने शनिवार को जनता दरबार पहुंचकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बैंक द्वारा प्रताड़ित किए जाने सहित फर्जी तरीके से रुपए जमा करने की शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाइ है। मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश देते हुए पीड़ित को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।
रहीमाबाद थाना क्षेत्र के जौरिया गांव निवासी हरिवंश त्रिपाठी पुत्र स्वर्गीय जगदीश नारायण त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने सन 2018 में एक्सिस बैंक शाखा गोमती नगर लखनऊ से ट्रक लेने के लिए 25 लाख 52 हजार 500 सौ का कर्च लिया था। कर्ज लेने के बाद बैंक के द्वारा 85171 रुपए की 36 किस्त बना दी गई। हरिवंश त्रिपाठी ने बताया कि बैंक द्वारा बनाई गई किस्ते वह समय पर जमा करता रहा और उसने 26 किस्तों की अदायगी कर दी। त्रिपाठी के मुताबिक कोरोना काल में उसे कुछ समस्या आ गई उसके बाद वह बैंक पहुंचा। उन्होंने बताया कि बैंक मैनेजर ने उनसे कहा कि आपने अपनी किस्ते समय पर भरी हैं आपका रिकॉर्ड अच्छा है आपको 6 महीने की मोहलत दी जाती है। हरिवंश त्रिपाठी ने बताया कि 6 महीने में जब वह बैंक पहुंचा तो बची दस किस्तों की जगह मैनेजर ने सात किस्त 142221 रुपए जमा करने के लिए बना दी।
हरिवंश त्रिपाठी ने बताया कि वह पैसे से कुछ कमजोर हो गए थे इस वजह से वह पैसे इतनी कम किस्तों में जमा कर पाने में असमर्थ थे। बैंक में जाकर उन्होंने काफी समझाने बुझाने का प्रयास किया लेकिन बैंक कर्मचारियों ने उनकी एक न सुनी। हरिवंश त्रिपाठी बैंक के कर्मचारियों की मनमानी से तंग आकर हाई कोर्ट पहुंच गए जहां से उन्हें राहत मिली और 15 किस्तो में हाईकोर्ट ने ब्याज सहित सारा रुपया जमा करने का आदेश कर दिया। हाई कोर्ट के आदेश पर हरिवंश त्रिपाठी ने ब्याज सहित 10 लाख 39254 रुपए जमा कर दिए। बैंक का कर्ज अदा करने के बाद हरिवंश त्रिपाठी जब नोडूज लेने बैंक पहुंचे तो उनका आरोप है की नोडूज देने के बजाय बैंक द्वारा 146334 रुपए की नोटिस थमा दी गई। उन्होंने इसकी शिकायत हर उच्च अधिकारी से की लेकिन कोई राहत नहीं मिली जिसके बाद वह शनिवार को जनता दरबार मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाने पहुंच गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनकी समस्या को सुनकर जांच कर मामले को निस्तारित करने के आदेश दिए हैं। हरिवंश त्रिपाठी ने कहा कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह भूख हड़ताल पर बैठेंगे।