असम। लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में असम में बीजेपी ने 14 में से 9 सीटों पर कब्जा जमाया है। बाकि बचे सीटों पर भाजपा बुरी तरह हारी है इन जिलों में शामिल है नागांव और धुबरी। इन जिलों के परिणाम को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को दावा किया कि नागांव और धुबरी में लोकसभा चुनाव के नतीजे इस बात की ओर इशारा करते हैं कि राज्य के सामाजिक ताने-बाने की नींव ‘बहुत कमजोर’ है।
कांग्रेस विधायक रकीबुल हुसैन ने धुबरी सीट पर रिकॉर्ड 10 लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की, जबकि पार्टी के सांसद प्रद्युत बोरदोलोई नागांव में 2,12,231 वोटों से विजयी हुए। सरमा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि नागांव और धुबरी के खतरनाक चुनाव परिणामों ने फिर साबित कर दिया है कि असम के सामाजिक ताने-बाने की नींव बहुत कमजोर है… रकीबुल हुसैन 10 लाख से अधिक वोटों से जीते। इसका क्या मतलब है? यह हमारे समाज और ‘जातीय जीवन’ (राष्ट्रीय जीवन) के सामने खतरे को दर्शाता है।
‘हमारे सामाजिक ताने-बाने के सामने खतरा’
सरमा ने दावा किया कि आप 10 लाख से अधिक वोटों से आगे चलने के बारे में सोचते हैं और वहां एक भी हिंदू ने वोट नहीं दिया; तो हमारे सामाजिक ताने-बाने के सामने कितना खतरा है? उन्होंने यह भी कहा कि बोरदोलोई ने भी नागांव में मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल कर जीत हासिल की, जबकि भाजपा ने सभी हिंदू विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल की।
हुसैन ने मौजूदा सांसद और एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल को 10,12,476 वोटों के बड़े अंतर से हराया। कांग्रेस नेता को 14,71,885 वोट मिले जबकि एआईयूडीएफ प्रमुख को 4,59,409 वोट मिले। सरमा ने कहा, “लाहोरीघाट, धींग, रूपोही और समागुरी (सभी मुस्लिम सीटें) ने कांग्रेस को 2-2.5 लाख के अंतर से विजयी बनाया है। इसलिए, अगर किसी तरह का प्रतिरोध नहीं हुआ, तो असम की स्थिति बहुत खतरनाक हो जाएगी।”
‘असम बह जाएगा और कोई भी नहीं बचेगा’
सीएम ने दावा किया कि यदि भाजपा या राष्ट्रवादी उत्साह वाले लोगों की ओर से कोई चुनौती नहीं आई तो असम बह जाएगा और कोई भी नहीं बचेगा।