शव को बोरी में भरकर पड़ोसी के पशुबाड़े मे भूसे में दबाया
उन्नाव। जिले मे मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया जहाँ पड़ोसी से चल रही खुन्नस में कातिल बनी युवती ने उसके चार साल के मासूम बच्चे को अगवा करके चाकू से गला रेतकर मार डाला। शव को बोरी में भरकर पशु बाड़े में भूसे में छिपा दिया गया। आरोपी युवती ने घटना कबूली है। पुलिस युवती के पिता और भाई से भी पूछताछ कर रही है।
फतेहपुर चौरासी थानाक्षेत्र के गोंदरी गांव निवासी दिनेश प्रजापति का बेटा अक्षत (4) सोमवार शाम करीब पांच बजे घर के बाहर खेल रहा था। इसी दौरान वह अचानक लापता हो गया। परिजनों ने रात 10 बजे तक उसकी तलाश की। पता न चलने पर चाचा महेश ने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस भी हरकत में आई। एसओ राजेश्वर त्रिपाठी टीम के साथ पहुंचे और घर के आसपास के तालाब, नालों व अन्य स्थानों पर तलाश की। इसी दौरान पता चला कि सोमवार देर शाम बच्चे को पड़ोसी रमेश कश्यप के साथ देखा गया था।
पुलिस ने रमेश और उसके बेटे मोनू कश्यप को थाने ले जाकर पूछताछ की। रमेश ने बताया कि बच्चे को उसकी बेटी मधू ले गई थी। पुलिस ने मधू को उठाया और सख्ती से पूछताछ तो उसने सच उगल दिया। मधू ने बताया कि बच्चे की मां पूनम उसके चरित्र और ननद के रिश्ते के बहाने तीखे शब्दों का प्रयोग करके मजाक उड़ाती थी। इसे वह बर्दाश्त नहीं कर पाई। खुशी छीन कर सबक सिखाने के लिए पूनम के इकलौते बेटे की हत्या की योजना बनाई। बच्चे को बहाने से ले जाकर गर्दन पर चाकू से वार कर हत्या कर दी और शव को बोरी में भरकर पड़ोसी सुरेश प्रजापति के पशुबाड़े में भूसे में दबा दिया।
उसकी निशानदेही पर पुलिस ने शव, चाकू और मृत बच्चे के कपड़े बरामद किए। पुलिस युवती के बांगरमऊ निवासी एक रिश्तेदार युवक को भी उठाकर पूछताछ कर रही है। सीओ ऋषिकांत शुक्ला ने बताया कि युवती ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। घटना में उसके पिता, भाई व रिश्तेदार की क्या भूमिका रही इस पर जांच की जा रही है।
मुंह में ठूंसा कपड़ा और रेत दिया गला
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मारते समय बच्चा आवाज न कर सके इसके लिए उसने पहले उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया। बाद में गर्दन के पीछे की ओर चाकू से वार कर मौत के घाट उतार दिया। हत्या करने के बाद चाकू वहीं पीछे की ओर फेंका। उसके बाद चुपचाप वहां से निकल गई। बताते हैं बच्चा युवती को बुआ बुलाता था। इसलिए वह भी उनके साथ चला गया। सूत्रों की माने तो जिस युवती को पुलिस ने उठाया है वह एक साल पहले अपने किसी रिश्तेदार के साथ चली गई थी। छह महीने बाद वह घर आ गई थी। उसी को लेकर बच्चे की मां उसे चिढ़ाती थी।
सबका दुलारा था अक्षत
मृतक अक्षत के पिता दिनेश प्रजापति गुजरात में मजदूरी करते हैं। बच्चे को उसकी मां पूनम, बाबा बसंत, दादी मूला और चाचा महेश और चाची शिवकांती पाल रही थीं। वह सभी का दुलारा था। बच्चे की मौत की खबर जैसे ही दिनेश को मिली वह बिलख पड़ा। उसने आने के बाद ही शव का अंतिम संस्कार करने की बात कही और वहां से घर के लिए निकल पड़ा। इधर, मां के साथ बाबा, दादी और अन्य परिजन भी बेहाल हैं।