गोरखपुर। 17वीं लोकसभा के लिए वर्ष 2019 में हुए चुनाव में प्रदेश के दो प्रमुख दल सपा व बसपा एक साथ चुनाव मैदान में थे। 2014 में केंद्र की सत्ता में आई भाजपा के लिए यह चुनौती कठिन लग रही थी, लेकिन जब ईवीएम से वोटों की गिनती हुई तो गोरखपुर सीट पर भाजपा को संयुक्त प्रत्याशी के मुकाबले बड़ी जीत मिली।
2024 के चुनाव में सपा-कांग्रेस में गठबंधन है। ये सीट सपा के खाते में है।
कांग्रेस ने इस सीट पर आखिरी बार चालीस साल पहले जीत दर्ज की थी। वहीं सपा सिर्फ एक बार निषाद पार्टी के साथ मिलकर उपचुनाव में जीत हासिल कर पाई है। इस सीट पर 1991 से भाजपा का कब्जा है। हर चुनाव में उसका वोट शेयर बढ़ा है। ऐसे में अहम सवाल यह है कि सपा-कांग्रेस मिलकर भाजपा के विजयरथ के पहियों पर ब्रेक लगा पाएंगे।
2024 में सपा-कांग्रेस का गठबंधन, बसपा अकेले मैदान में
18वीं लोकसभ के चुनाव में इंडी गठबंधन के बैनर तले उप्र में सपा और कांग्रेस का गठबंधन है। सीटों के बंटवारे में 63 सीटों पर सपा और 17 कांग्रेस के खाते में आई है। गोरखपुर सीट सपा के खाते में है। बसपा अकेले मैदान में है। एनडीए में भाजपा, अपना दल सोनेलाल, सुभासपा, निषाद पार्टी और रालोद शामिल हैं।
सपा-बसपा मिले फिर भी खिला कमल
2019 के आम चुनाव में सपा और बसपा के गठबंधन को राजनीतिक विशलेषक बड़ी ताकत मान रहे थे। लेकिन भाजपा प्रत्याशी रवीन्द्र शुक्ला उर्फ रवि किशन ने 3 लाख 1 हजार 664 मतों के अंतर से बड़ी जीत हासिल की थी। रवि किशन को 717,122 (60.52 प्रतिशत)वोट मिले। सपा प्रत्याशी रामभुआल निषाद के खाते में 415,458 (35.06 प्रतिशत) वोट आए। कांग्रेस के मधुसूदन त्रिपाठी 22,972 (1.94 प्रतिशत) वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। भाजपा और सपा के वोट शेयर में कुल 25.46 फीसदी का बड़ा अंतर था।
2018 का उपचुनाव सपा जीती
गोरखपुर सीट पर सपा ने आठ चुनाव लड़े हैं। 2018 में योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे के बाद उपचुनाव में निषाद पार्टी के प्रत्याशी प्रवीण कुमार निषाद सपा की टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे। प्रवीण कुमार 49.31 फीसदी वोट पाकर विजयी हुए। भाजपा का वोट शेयर 46.95 फीसदी रहा। प्रवीण करीब 22 हजार मतों के अंतर से जीते। दोनों के वोट शेयर में 2.36 फीसदी का अंतर था। अगर सपा के व्यक्तिगत प्रदर्शन की बात की जाए तो 1999 के आम चुनाव में 39.97 फीसदी वोट शेयर उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। बता दें, निषाद पार्टी इस चुनाव में एनडीए में शामिल है।
सपा-कांग्रेस गठबंधन कितना मजबूत
सपा ने 2014 का चुना बिना किसी गठबंधन के लड़ा था। चुनाव में सपा को 21.75 फीसदी वोट मिले थे। और कांग्रेस को 4.39 फीसदी वोट शेयर हासिल हुआ था। दोनों के वोट शेयर को मिला दिया जाए तो ये आंकड़ा 26.14 फीसदी का बैठता है। इस चुनाव में भाजपा ने 51.80 फीसदी वोट शेयर के साथ जीत हासिल की थी। भाजपा और सपा-कांग्रेस के संयुक्त वोट शेयर के बीच 25.66 फीसदी का अंतर था।
2009 में सपा (11.09 प्रतिशत) और कांग्रेस (4.04 प्रतिशत) का वोट शेयर संयुक्त रूप से 15.13 फीसदी रहा। भाजपा का वोट शेयर इस चुनाव में 53.85 फीसदी था। दोनों के वोट शेयर में 38.72 फीसदी का अंतर था।
2004 के आम चुनाव में सपा (30.70 प्रतिशत) और कांग्रेस (4.85 प्रतिशत) का वोट शेयर संयुक्त रूप से 35.55 फीसदी रहा। जबकि भाजपा को वोट शेयर 51.30 फीसदी था। भाजपा और सपा-कांग्रेस के वोट शेयर में 15.75 फीसदी का अंतर था। 2004 के पूर्व के चुनाव आंकड़े गवाही देते हैं कि भाजपा के विजयरथ को रोकने की ताकत सपा-कांग्रेस गठजोड़ में नहीं है। राजनीतिक विशलेषकों के अनुसार, सपा-बसपा-कांग्रेस अगर तीनों मिलकर एक साथ चुनाव मैदान में उतरे तो भाजपा को कड़ी टक्कर मिल सकती है।
चुनाव वर्ष -भाजपा – सपा – कांग्रेस का मत प्रतिशत
1996 – 42.23 – 32.07 – 2.60
1998 – 42.62 – 38.40 – 3.59
1999 – 41.10 – 39.97 – 3.08
2004 – 51.30 – 30.70 – 4.85
2009 – 53.85 – 11.09 – 4.04
2014 – 51.80 – 21.75 – 4.39
2019 – 60.52 – 35.06 – 1.94 (2019 के चुनाव में सपा-बसपा का गठबंधन था। गोरखपुर सीट सपा के खाते में थीा)
2024 के चुनाव में सपा
सपा-कांग्रेस गठबंधन में गोरखपुर सीट सपा के खाते में है। सपा ने यहां भोजपुरी फिल्म स्टार काजल निषाद को मैदान में उतारा है। भाजपा ने मौजूदा सांसद रवीन्द्र शुक्ला उर्फ रवि किशन और बसपा ने जावेद अशरफ उर्फ जावेद सिमनानी को मैदान में उतारा है। इस सीट पर कुल 13 प्रत्याशी मैदान में हैं।