कोठी। 16 दिन पहले हरख रेंज के न्यौछना गांव में प्रतिबंधित सूखा आम पेड़ कटा गया। जांच में धार्मिक स्थल में लकड़ी इस्तेमाल मिली। रेंजर ने किसान को सहूलियत दे दी। लेकिन उनका चपरासी कार्रवाई नाम पर छह हजार रुपए किसान से वसूल लिया। क्षेत्रीय किसान नेता की डीएफओ से हुई शिकायत पर विभाग कार्रवाई का राग अलाप रही है। जबकि रविवार तक किसान कार्रवाई से संबंधित कोई कागज नहीं मिला।
16 दिन पुराना है मामला: नौ मई को हरख रेंज के सिद्धौर ब्लॉक क्षेत्र के न्यौछना गांव स्थित कालिका माता मंदिर परिसर में लगा सूखा प्रतिबंधित जर्जर आम पेड़ कटा गया। शिकायत पर हरख रेंजर प्रदीप सिंह व चपरासी जगदंबिका यादव उर्फ पप्पू ने जांच की। धार्मिक स्थल पर कटान होने पर रेंजर ने किसान को सहूलियत दी। लेकिन उनका चपरासी जगदंबिका यादव कार्रवाई नाम पर डरा धमका कर छह हजार रुपए वसूल लिया। इसकी शिकायत भाकियू अराजनैतिक संगठन जिलाध्यक्ष रामबरन वर्मा ने डीएफओ आकाश बाधवन से पत्र देकर की। जिसमे चपरासी जगदंबिका प्रसाद यादव द्वारा महेश रावत, राकेश व पवन यादव के समक्ष कार्रवाई एवज में छह हजार रुपए वसूल गया लिखा हैं। आगे पत्र में चपरासी को रूपए लेने कोई अधिकार नहीं इसका भी जिक्र है। रेंजर हरख प्रदीप सिंह का कहना है कि केस काटा गया है। वही आरोपित चपरासी जगदंबिका प्रसाद यादव ने बताया कि उन्हें छह हजार रुपए जुर्माना जमा करने मिले थे। लेकिन 15 दिनों बाद रविवार तक किसान को कोई रसीद नहीं मिली। जो चर्चा का विषय है। लोगों का कहना है कि अधिकांश मामले में चपरासी व वनरक्षक मोटी रकम वसूलते हैं। विभागीय उच्चाधिकारियों से शिकायत पर वह केस काटने व जुर्माना करने राग अलापते हैं।