हाथरस: हाथरस गेट थाना, एंटी नार्काेटिक्स टास्क फोर्स यूनिट आगरा जोन की संयुक्त कार्रवाई करते हुए शनिवार को एक कैंटर में गांजा पकड़ा। उड़ीसा से बड़ी मात्रा में गांजा तस्करी की सूचना पुलिस को मिली थी। तस्करी कर लाए गए 300 पैकेटों में पांच पैकेटों में एक-एक किलो गांजा बरामद हुआ है। टेप से सील शेष 295 पैकेटों में घास के भीतर ईंट के टुकड़े बरामद हुए हैं। पुलिस ने गांजा तस्करी में दो आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
पुलिस को सूचना मिली थी कि उड़ीसा से गांजा तस्करी कर एक केंटर हाथरस आ रही है। इसको लेकर पुलिस और एएनटीएफ टीम ने चेकिंग शुरू की। हाथरस बाईपास पर फौजी ढाबा के पीछे खाली पडी जगह से पुलिस ने एक कैंटर बरामद की। उसमें चेक किया तो 300 पैकेट गांजे के सब्जी की खाली कैरेटों के नीचे दबे हुए थे। मौके से दो आरोपित बृजमोहन उर्फ मस्सू निवासी ग्राम गढी नन्दराम थाना हाथरस गेट देवेन्द्र उर्फ देव निवासी गांव रामपुर बगटरा थाना इगलास को पुलिस ने पकड़ा।
पूछताछ में बृजमोहन ने बताया कि उसने इंटर तक पढाई की है तथा रुहेरी में जनसेवा केन्द्र चलाता है। उसका भाई वर्ष-2020 में फिरोजाबाद में गांजे के साथ पकड़ा गया था। पकडा गया माल आगरा के भानु प्रताप सिंह का था। माल के सिलसिले में उसकी भानु प्रताप सिंह से मुलाकात हुई।
लालच में ब्रजमोहन खुद भी गांजे की तस्करी का काम करने लगा। आयशर कैंटर से बरामद गांजे का सौदा उसका उडीसा में रहने वाले दीपू से हुआ था। नगला ताल अहवरनपुर हाथरस निवासी राजू की ससुराल उड़ीसा में है। वह पकड़ी गई कैंटर का चालक है। वही उडीसा से गांजा की तस्करी करता है। गांजा खरीदने के लिए भानु प्रताप सिंह ने राजू और देवेन्द्र को पैसे दिए थे। राजू और देवेंद्र माल लेने उड़ीसा गए।
वहां से सब्जियों की खाली कैरेट के नीचे गांजा छिपाकर भर लिया। देवेंद्र ने पुलिस के डर से गाड़ी को बाईपास स्थित फौजी ढाबा के पीछे खाली पडी जगह में छिपाकर खडी कर दी। पुलिस ने गांजे के पैकेटों को खोलना शुरू किया। इसमें पांच पैकेटों में गांजा निकला और शेष 295 में ईंटें और घास भरी हुई थी। दोनों आरोपितों को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया।