वाराणसी। कोवैक्सीन के प्रभाव को लेकर बीएचयू का अध्ययन जिम्मेदारों के गले की फांस बन चुका है। चिकित्सा विज्ञान संस्थान के शोध दल ने आइसीएमआर (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) से माफी मांगी है। शोध टीम में 12 से अधिक डॉक्टर और शोधार्थी निशाने पर हैं।
दल की अगुवाई कर रहे डॉ. एसएस चक्रवर्ती और डा. उपिंदर कौर ने परिषद के महानिदेशक को माफीनामा भेजा है। कहा है कि हमसे गलती हुई है कि हमने प्रोजेक्ट में परिषद को जोड़ लिया। भविष्य में दोबारा ऐसी चूक नहीं होगी।
रिसर्च पेपर से ICMR का नाम हटाने को लिखा गया पत्र
स्विट्जरलैंड के जर्नल स्प्रिंगर नेचर के संपादक को भी पत्र लिखा गया है। उनसे रिसर्च पेपर से आइसीएमआर का नाम हटाने के लिए कहा है। गंभीर खामियों के साथ गड़बड़ डिजाइन के अध्ययन के मामले में कार्रवाई की जा सकती है। परिषद पहले ही कह चुका है कि वह प्रकरण में कानूनी कार्रवाई करेगा। दोनों डॉक्टर इस समय बेंगलुरू में हैं, कुछ दिन बाद वह बनारस लौटेंगे। चिकित्सा विज्ञान संस्थान उनसे सवाल-जवाब भी करेगा।
शोध दल को जारी किया गया था नोटिस
पिछले दिनों परिषद ने शोध दल को नोटिस जारी किया था। आइएमएस निदेशक ने प्रकरण में रिपोर्ट तलब की और चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी। विस्तृत जांच रिपोर्ट परिषद को भेजी जा चुकी है। अब परिषद ने भी जर्नल को पत्र लिखा है। उनका कहना है कि अध्ययन में चार गंभीर खामियां हैं। पहला, उनके पास शोध की पुष्टि करने के लिए बिना टीकाकरण वाले व्यक्तियों का कोई समूह नहीं है कि दुष्प्रभाव वास्तव में टीकाकरण से जुड़े हैं। दूसरा, इसमें यह उल्लेख नहीं किया गया है कि नमूना आबादी की तरफ से साइड इफेक्ट को कितनी बार रिपोर्ट की गई थी, ताकि स्थापित किया जा सके कि वह टीकाकरण से जुड़ा है।
तीसरा, अध्ययन में उपकरण विश्व स्तरीय नहीं था जबकि चौथी खामी, प्रतिभागियों की प्रतिक्रियाओं को टीकाकरण के एक साल बाद किसी भी रिकार्ड या चिकित्सक परीक्षण के सत्यापन के बिना दर्ज किया गया, जिससे पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग की संभावना बढ़ गई। नोटिस का जवाब आइएमएस ने भेज दिया है।
अनुसंधान वातावरण को और बेहतर बनाने की दिशा में कई कदम उठाए जाएंगे। बता दें कि मामले में आइसीएमआर ने नोटिस में कहा है कि शोधकर्ता अपने शोध से आइसीएमआर की स्वीकृति को हटा दे और माफीनामा प्रकाशित करें, या फिर कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई का सामना करें। आइएमएस निदेशक प्रो. एसएन संखवार ने बताया कि जांच दल की तरफ से आइसीएमआर को जवाब भेजा गया है। शोध दल केे सदस्यों से शीघ्र ही बात की जाएगी।