पटना के दीघा के स्कूल के गटर में मिला शव

पटना। दीघा थाना क्षेत्र के बाटागंज की हथुआ कालोनी स्थित टिनी टाट अकादमी में चार वर्षीय आयुष की हत्या की कहानी सुनकर पुलिसकर्मियों के भी रोंगटे खड़े हो गए। स्कूल संचालक धनंजय झा और उसकी मां सह प्राचार्या वीणा झा उर्फ पुतुल झा ने पुलिस व आयुष के स्वजन को गुमराह करने का भरसक प्रयास किया, लेकिन मिटाए गए दस मिनट के फुटेज व प्ले रूम से हटे सीसी कैमरे ने उन्हें सलाखों के पीछे ढकेल दिया।

शव को गंगा में फेंकने का था प्लान
स्वजन के दबाव में यदि पुलिस ने रात में स्कूल की दोबारा तलाशी नहीं ली होती तो साजिश के तहत मां-बेटे गटर (सेप्टिक टैंक) से शव निकाल कर गंगा में फेंक देते। स्कूल से मात्र दो सौ मीटर की दूरी पर नदी है। रविवार को पुलिस मां-बेटे को कोर्ट में पेश कर दोनों को न्यायिक हिरासत में भेजने की अर्जी देगी। एफएसएल की टीम ने भी घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए हैं।

चचेरी बहन को भी था धमकाया
आयुष का परिवार मूरूप से नकटा दियारा का रहने वाला है। हालांकि, परिवार पालसन रोड में रहता है। उसके पिता शैलेंद्र राय की नासरीगंज में इंजीनियरिंग वर्क्स की फैक्ट्री है। आयुष दो भाइयों में बड़ा था। उसका छोटा भाई एक वर्ष का है। इसी स्कूल में आयुष की 12 वर्षीय चचेरी बहन भी पढ़ती थी। वह दूसरे आटो से आती-जाती थी। गुरुवार की शाम पांच बजे तक जब आयुष नहीं पहुंचा तो स्वजन ने उसकी खोजबीन शुरू की। बच्ची ने बताया कि उसे कुछ नहीं पता।

इसके बाद स्वजन ई-रिक्शा पर आयुष की तस्वीर के साथ स्कूल के आसपास उद्घोषणा कराने लगे। शव मिलने के बाद बच्ची ने बताया कि प्राचार्या वीणा झा प्ले रूम में पोंछा लगा रही थी। उसने धमकी दी थी कि आयुष के बारे में कोई कुछ पूछेगा तो नहीं बोलना, वरना बुरा परिणाम भुगतना होगा।

भेद खुलते ही घबरा गए मां-बेटे
जब पुलिस ने स्कूल में लगे सीसी कैमरे दिखाने को कहा, लेकिन वे तैयार नहीं हुए। मां-बेटे कहने लगे कि इंजीनियर आएगा, तभी दिखा पाएंगे। गुरुवार की रात लगभग 12 बजे आयुष के एक रिश्तेदार को इसकी जानकारी हुई। उसने बताया कि उसे फुटेज देखना आता है। स्वजन की आग्रह पर पुलिस दोबारा रात में स्कूल गई। उस युवक ने फुटेज देखना शुरू किया तो मालूम हुआ कि सुबह 11:49 के बाद 10 मिनट का वीडियो मिटा दिया गया है। सीधे 12:01 मिनट समय बता रहा था।

इस बीच स्वजन की नजर प्ले रूम पर पड़ी। उन्होंने देखा कि वहां कैमरा लगा था, जो अब नहीं है। संदेह बढ़ने पर तलाशी शुरू की गई।

आयुष की मां की जिद पर खुला गटर
निशांत ने बताया कि तलाशी के क्रम में आयुष कहीं नजर नहीं आया। प्ले रूम में गटर दिखा, जिस पर ढक्कन लगा था। उसे दरी (मोटे सूत का बिछावन) से भी ढक दिया गया था। वहां तक कोई न पहुंच पाए, इसलिए रास्ते में लकड़ी की तख्तियां और खिलौने रख दिए गए थे। देखने से ऐसा लग रहा था कि गटर को छिपाने की कोशिश की गई है। बाहर आने के बाद आयुष की मां गटर खोल कर देखने की जिद करने लगी।

गटर का ढक्कन हटाया तो शव उपलाता दिखा
तब स्वजन वापस अंदर गए और गटर से ढक्कन हटाया कि आयुष का शव उपलाता दिखा। उसे देखते ही आयुष की मां चीख उठीं और बेहोश हो गई। तब पुलिस ने मां-बेटे एवं रात्रि गार्ड को हिरासत में लेकर थाने चली गई। गार्ड की भूमिका सामने नहीं आई, जिसके बाद उसे रिहा कर दिया गया।

आक्रोशित लोगों ने आगजनी कर रास्ता रोका
स्कूल में छात्र का शव मिलने की खबर शुक्रवार सुबह तक पूरे इलाके में फैल गई। नकटा दियारा से बड़ी संख्या शैलेंद्र के परिचित पहुंच गए। आक्रोशित लोगों ने बाटागंज पेट्रोल पंप के पास आगजनी कर रास्ता रोक दिया। पुलिस ने जब वहां से उन्हें हटाया तो दीघा-आशियाना मोड़ पर टायर जलाकर वाहनों का आवागमन बाधित कर दिया। साथ ही इसी रोड पर पालसन मोड़ के पास भी बांस-बल्ले से परिचालन ठप कर दिया। यहां से राजीव नगर थाना चंद मीटर ही दूर है। बावजूद इसके पुलिस काफी देर से पहुंची।

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