रांची । हरियाणा ने राष्ट्रीय महिला हॉकी लीग 2024 (चरण 1) में 16 अंकों के साथ तालिका में शीर्ष पर रहते हुए अपने अभियान का समापन किया। हरियाणा ने अपने सात मैचों में से 6 में जीत दर्ज की।
लीग का समापन गुरुवार रात को यहां मारंग गोमके जयपाल सिंह एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम में हुआ। हरियाणा की टीम की सफलता में 15 वर्षीय फॉरवर्ड शशि खासा ने अहम भूमिका निभाई, जिन्होंने तीन फील्ड गोल किए और दो पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदला।
हरियाणा के हिसार की रहने वाली शशि का हॉकी की ओर झुकाव अपने दो बड़े भाइयों अमित खासा और रविंदर खासा को हॉकी खेलते देखकर हुआ, जो राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं।
शशि ने शुक्रवार को हॉकी इंडिया के हवाले से कहा, “मैं अपने भाइयों को साथ में खेलते हुए देखती थी। यह बहुत मजेदार लगता था, इसलिए मैंने उनके साथ खेलना शुरू किया। जब मैं छह साल की थी, तब यह सब इसी तरह शुरू हुआ।”
शशि ने 2021 में हॉकी इंडिया सब-जूनियर नेशनल चैंपियनशिप और इस साल की शुरुआत में खेलो इंडिया यूथ गेम्स में हरियाणा का प्रतिनिधित्व किया। हालांकि, राष्ट्रीय महिला हॉकी लीग 2024 निस्संदेह उनके युवा करियर का सबसे अच्छा टूर्नामेंट रहा है। दो प्लेयर ऑफ द मैच पुरस्कारों के साथ, इस तेज-तर्रार खिलाड़ी ने सुनिश्चित किया कि हर कोई उनके प्रदर्शन पर ध्यान दे।
टूर्नामेंट में अपने अनुभव को लेकर शशि ने कहा, “टूर्नामेंट शुरू होने से पहले मैं थोड़ी नर्वस थी, लेकिन मैदान पर उतरने के बाद यह सब दूर हो गया। हां, मैंने पांच गोल किए लेकिन यह तभी मायने रखता है जब इससे टीम को फायदा हो। अगर इससे टीम को मैच जीतने में मदद नहीं मिलती तो बहुत सारे गोल करने का कोई मतलब नहीं होगा।”
उन्होंने कहा, “यह एक जबरदस्त टीम प्रयास रहा है और हमने सामूहिक रूप से पुरस्कार प्राप्त किए हैं। टीम की सफलता में योगदान देने से मुझे बहुत संतुष्टि मिली। टूर्नामेंट के पहले चरण को तालिका में शीर्ष पर समाप्त करना एक अद्भुत एहसास है।”
एक ऐसे राज्य, जिसने कई बड़े खिलाड़ियों को जन्म दिया है, जो देश का प्रतिनिधित्व करने और शानदार परिणाम देने के लिए आगे रहे हैं, से आने वाली शशि ने कहा, “मुझे अभी तक किसी भी वरिष्ठ खिलाड़ी से बातचीत करने का अवसर नहीं मिला है। यह कुछ ऐसा है जिसका मैं बेसब्री से इंतजार कर रही हूं। मैं उन सभी को खेलते हुए और हमारे देश के लिए अच्छा प्रदर्शन करते हुए देखकर बड़ी हुई हूं। मुझे यकीन है कि उनके अनुभव से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।”
ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करना लाखों बच्चों का लक्ष्य है जो इस खेल को अपनाते हैं और शशि इससे अलग नहीं हैं। उन्होंने कहा, “मैं भारत के लिए सबसे बड़े मंच, ओलंपिक में खेलना चाहती हूं। यह कुछ ऐसा है जिसका मैंने लंबे समय से सपना देखा है और मुझे उम्मीद है कि एक दिन मैं इसे हकीकत में बदल पाऊंगी।