नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में इस बार अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीटों पर बना सस्पेंस खत्म हो गया है। कांग्रेस ने शुक्रवार को राहुल गांधी को रायबरेली सीट से और अमेठी से केएल शर्मा को उम्मीदवार घोषित कर दिया। राहुल गांधी के अमेठी छोड़कर रायबरेली से चुनाव लड़ने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन पर निशाना साधा है। भाजपा ने कहा कि राहुल गांधी वायनाड से चुनाव हार रहे हैं, इसलिए वे रायबरेली से भी चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने आज यहां कहा कि यह सब नाटक और निर्माण किस लिए? राहुल गांधी के भाग जाने और अमेठी से आत्मसमर्पण करने और केएल शर्मा जैसे किसी व्यक्ति को मैदान में उतारने से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस ने अमेठी छोड़ दी है। उन्हें भी इस बात का एहसास है कि स्मृति ईरानी के सामने राहुल की कोई हैसियत नहीं है। इसलिए कांग्रेस ने राहुल गांधी को रायबरेली में भेज दिया, जिसे वे अधिक सुरक्षित मानते हैं।
पूनावाला ने कहा कि क्या यह वायनाड के लोगों के साथ पूरी तरह धोखाधड़ी नहीं है? ऐसा नहीं है कि वह रायबरेली में जीतेंगे, बल्कि यह कांग्रेस की “इस्तेमाल करो और फेंक दो” की मानसिकता को दर्शाता है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “कुछ समय पहले तक राहुल गांधी कहते थे, ‘डरो मत, डरो मत’, अब कहते हैं डर के कारण, अमेठी से वायनाड और वायनाड से लेकर रायबरेली तक, हार के प्रति उनका डर उन्हें हर जगह ले जा रहा है। वह अपनी बहन (प्रियंका गांधी वाड्रा) को न्याय नहीं दे पा रहे थे, क्योंकि एक तरफ रॉबर्ट वाड्रा भी टिकट मांग रहे थे और दूसरी तरफ पार्टी की मांग प्रियंका गांधी की थी, हालांकि, पार्टी की सूची में उनका नाम नहीं बताया गया, इससे पता चलता है कि कांग्रेस पार्टी के भीतर कुछ चल रहा है। ”