करनदिघी/मालदा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को स्कूल भर्ती घोटाले समेत भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि केवल भाजपा ही राज्य में तृणमूल कांग्रेस के कुशासन को समाप्त कर सकती है।
रायगंज निर्वाचन क्षेत्र के करनदिघी में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल से 35 लोकसभा सीट जीतने का लक्ष्य रखा है। शाह ने मालदा में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में आज एक रोड शो भी किया।
रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कल एक फैसला सुनाया, जिसमें हजारों नियुक्तियों (2016 शिक्षक भर्ती परीक्षा के माध्यम से की गई) को रद्द कर दिया गया। यह शर्म की बात है कि नौकरियां लाखों रुपये में बेची गईं। उन्होंने नौकरी के लिए 10 लाख और 15 लाख की रिश्वत ली है।
इसका मतलब है कि अगर आपके पास 15 लाख रुपये नहीं हैं, तो आप अपने भाइयों और बेटों को नौकरी कैसे दिलाएंगे?’’ उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संचालित और उससे सहायता प्राप्त विद्यालयों में राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (एसएलएसटी) की भर्ती प्रक्रिया के जरिए हुई 25,753 नियुक्तियों को एक दिन पहले रद्द कर दिया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उच्च न्यायालय के आदेश को ‘अवैध’ बताया था और कहा था कि उनकी सरकार फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी।
शाह ने कहा, ‘तृणमूल के मंत्री पार्थ चटर्जी के आवास से 51 करोड़ रुपये बरामद किये गये। उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?’ पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को स्कूल भर्ती घोटाले में गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद जुलाई 2022 में पार्टी से निलंबित कर दिया गया और राज्य मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में यह ‘कट-मनी’ (कमीशन) संस्कृति और भ्रष्टाचार समाप्त होना चाहिए। मैं जानना चाहता हूं कि यह रुकना चाहिए या नहीं। तृणमूल इसे कभी नहीं रोक सकती, केवल भाजपा ही इसे रोक सकती है।’’
कांग्रेस के नेताओं की सत्ता में आने पर सीएए को रद्द करने संबंधी टिप्पणी पर शाह ने कहा, ‘‘न तो कांग्रेस और न ही ममता बनर्जी सीएए को छूने की हिम्मत कर सकती हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ममता बनर्जी संशोधित नागरिकता अधिनियम, 2019 (सीएए) का विरोध क्यों कर रही हैं? वे कानून का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि इससे हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता पाने में मदद मिलेगी। वह बंगाल में घुसपैठ का समर्थन कर रही हैं लेकिन हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का विरोध करती हैं।’’
शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और ममता बनर्जी सीएए के खिलाफ हैं क्योंकि वे घुसपैठियों की मदद करना चाहते हैं। केंद्र ने पिछले महीने सीएए लागू किया था। संसद द्वारा यह कानून पारित किए जाने के चार साल बाद इससे संबंधित नियमों को अधिसूचित किया गया था। यह कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले बिना दस्तावेजों के भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को तेजी से नागरिकता प्रदान करने के लिये बनाया गया था।
इससे पहले शाह ने मालदा दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में एक रोड शो को संबोधित करते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस के शासन में राज्य में घुसपैठ बदस्तूर जारी है। उत्तर 24 परगना के संदेशखालि में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ यौन शोषण के मामलों के सामने आने की हालिया घटनाओं का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि यह शर्म की बात है कि ‘‘ममता बनर्जी ने एक महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद दोषियों को बचाने की कोशिश की।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘वर्षों तक आपकी (ममता बनर्जी) नाक के नीचे अत्याचार होता रहा।