गोंडा। कूटरचना व अभिलेखों में हेराफेरी कराकर शत्रु संपत्ति अपने नाम कराने के मामले में जेल में निरुद्ध नगर पालिका परिषद अध्यक्ष उजमा राशिद की न्यायिक हिरासत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अपेक्षा सिंह ने 22 अप्रैल तक बढ़ा दी है। बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मामले की सुनवाई हुई। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी विवेक चंद्रा ने न्यायिक हिरासत बढ़ने की पुष्टि की है।
विवेचक ने कर्मचारियों से पूछे सवाल, छूटे पसीने
कूटरचना व जालसाजी के मुकदमे की विवेचना तेज हो गई है। विवेचक बृजेश कुमार गुप्ता ने नगर पालिका परिषद में कर्मचारियों से पूछताछ की। वर्ष 2001 से कार्यालय में तैनात कर्मचारियों का विवरण मांगा गया है।
यही नहीं, पंजिका में नगर पालिका परिषद अध्यक्ष का नाम किसने दर्ज किया है, इसकी पहचान राइटिंग से कराई जा रही है। अभिलेख में हस्ताक्षर बनाने वाले अधिकारी व कर्मचारी के बारे में भी पूछताछ की गई।
पुलिस की आवाजाही से परिसर में सन्नाटा पसरा रहा। ईओ संजय मिश्र का कहना है कि विवेचक का जांच में सहयोग किया जा रहा है। मांगे गए अभिलेख तैयार कराए जा रहे हैं।
बेपटरी हो गई व्यवस्था
नगर पालिका परिषद गोंडा में व्यवस्था बेपटरी हो गई है। पांच दिन पूर्व नगर पालिका परिषद अध्यक्ष जेल गई थीं, इससे पहले वह मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही कार्यालय नहीं आ रही थीं। 650 कर्मचारियों का वेतन भुगतान नहीं हो सका है।
कार्य कराने के बाद ठेकेदार भी भुगतान के लिए भटक रहे हैं। विकास कार्य ठप होने के साथ ही अन्य समस्याएं बढ़ गई हैं। अध्यक्ष की जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए अभी तक शासन से कोई व्यवस्था नहीं हो सकी है।