सोमवती अमावस्या पर पूजा का खास महत्व


छ्बीले चौहान
बदायूं । सोमवार आज सोमवती अमावस्या है। ज्योतिषाचार्य कृष्ण के शर्मा के अनुसार हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत, पूजा-पाठ, स्नान-दान का महत्व है और पितृ पूजन, श्राद्ध किया जाता है। इस दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने से इसका और भी महत्व बढ़ गया है। हालांकि भारत में ग्रहण न दिखने से सूतक काल मान्य नहीं होगा।
मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन पूजा से कालसर्प दोष से छुटकारा मिलता है। इस दिन स्नान का शुभ समय सुबह 4.55 से 6.30 बजे तक है।
पुरुष क्या उपाय करें

  • अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है तो इसके अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए और पितरों का तर्पण भी करना चाहिए। इससे पितर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।
  • शाम के समय ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाएं और इसे बुझने न दें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। मान्यता है कि इस उपाय से घर में धन वैभव और समृद्धि आती है।
  • शिव परिवार और माता लक्ष्मी को चावल की खीर का भोग अर्पित करें। ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।

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