चित्तौड़गढ़। जिले के बस्सी क्षेत्र के एक कुएं में गिरे अजगर को सुरक्षित रेस्क्यू किया है। रेस्क्यू अभियान काफी मुश्किल था और करीब 2 घंटे तक चला। अजगर करीब 70 फीट गहरे कुएं में गिरा हुआ था।
रेस्क्यू टीम के सदस्य ने पहले कुएं में लगी एक लोहे की एंगल पर छलांग लगाई और इसी पर खड़े रह कर बिना किसी को नुकसान पहुंचे रेस्क्यू अभियान को पूरा किया। इसका एक वीडियो भी सामने आया है। रात के अंधेरे में हुए इस अभियान के बाद अजगर को प्राकृतिक आवास पर सुरक्षित छोड़ दिया गया है।
चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित बस्सी कस्बे के कुएं में 11 फीट लंबा इंडियन रॉक पाइथन (अजगर) गिरा हुआ था। इसकी जानकारी ग्रामीणों ने वन विभाग को दी। इस पर उपवन संरक्षक विजय शंकर पांडे के निर्देश पर मनीष तिवारी के निर्देशन में टीम मौके पर पहुंची। यहां 11 फीट लंबे अजगर के मूवमेंट से ग्रामीणों में दहशत थी और वे सुरक्षा को लेकर चिंतित भी थे। रेस्क्यू टीम ने मौके का आंकलन किया और अजगर को सुरक्षित निकालने के लिए योजना तैयार की। यहां पर 70 फीट गहरे कुएं में करीब 55 फीट तक पानी भरा हुआ था। इससे ऊपर केवल 15 फीट का हिस्सा सूखा हुआ था। कुए में और स्थान नहीं होने से अजगर लगातार पानी में तैर रहा था। पहले तो टीम ने रस्सी व अन्य साधनों से रेस्क्यू ऑपरेशन की योजना बनाई और प्रयास भी किए लेकिन सफल नहीं हो पाए। बाद में टीम के एक साथी को कुएं में उतारने का निर्णय किया। इस पर साहस दिखाते हुए मुबारिक खान रस्सी बांध कर कुएं में कूदा। इस पक्के कुए के निर्माण के दौरान लोहे लोहे की एंगल लगाई गई थी। इसी पर रेस्क्यू करने वाले युवक ने ने छलांग लगाई और खड़े रह कर करीब 6 मिनट की मशक्कत के बाद अजगर को रेस्क्यू कर के कुएं से बाहर निकाला। इसे बाद में वन विभाग को सौंप दिया। वन विभाग ने अजगर को इसके प्राकृतिक आवास पर छोड़ दिया। अजगर के सुरक्षित रेस्क्यू होने से क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली। साथ ही रेस्क्यू टीम का भी आभार जताया। मौके पर मनीष तिवारी के नेतृत्व में पियूष कांबले, रामकुमार साहू तथा मुबारक खान ने पूरे रेस्क्यू अभियान को अंजाम दिया।
पूछ पकड़ कर खींच तो डसने के लिए लपका अजगर
जानकारी में सामने आया कि अजगर का यह रेस्क्यू रात करीब 10.30 बजे हुआ था। इस दौरान घना अंधेरा था और टाॅर्च की रोशनी में निकाला गया। रेस्क्यू टीम के सदस्य मुबारिक खान ने कुएं में उतर कर जब अजगर की पूछ पकड़ कर खिंचा और काबू में करने का प्रयास किया। इस दौरान अजगर एक बार मुबारिक पर डसने के लिए भी लपका। लेकिन सतर्क रहने के कारण उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा। बाद में रामकुमार के सहयोग से अजगर को सुरक्षित कुएं से बाहर खींच लिया गया। लोहे की एक एंगल पर करीब 6 मिनट से ज्यादा खड़े रह कर इस अजगर को बाहर निकाला गया।