मणिपुर सिविल सेवा के 70 प्रमुख अधिकारियों का तबादला

मणिपुर में जारी जातीय अशांति के बीच राज्य सरकार ने प्रशासनिक चुनौतियों से निपटने के लिए बड़ा फेरबदल किया है. मुख्य सचिव प्रशांत कुमार सिंह ने बुधवार को इसकी घोषणा की. इस फेरबदल में वरिष्ठ IAS, IPS और मणिपुर सिविल सेवा के 70 प्रमुख अधिकारियों का तबादला शामिल है. फेरबदल के तहत 10 आईपीएस और मणिपुर पुलिस सेवा अधिकारियों के तबादले किए गए हैं, साथ ही वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों सहित 60 नौकरशाहों की तैनाती में बदलाव किया गया है.

यह फेरबदल मणिपुर में पिछले 21 महीनों से जारी मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय हिंसा के बाद किया गया है, जिसमें 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. यहां 1,000 से ज्यादा घायल हुए हैं और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं. यह हिंसा तब शुरू हुई थी जब मैतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा मांगने के खिलाफ ट्राइबल सॉलिडैरिटी मार्च निकाला गया था.

हालात सुधारने में मिलेगी मदद
इस प्रशासनिक बदलाव से पहले 3 जनवरी को अजय कुमार भल्ला को मणिपुर का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया था और 15 जनवरी को प्रशांत कुमार सिंह ने मुख्य सचिव का पदभार संभाला था. सरकार को उम्मीद है कि यह फेरबदल प्रशासन को स्थिर करने और राज्य में सुरक्षा हालात सुधारने में मदद करेगा.

प्रतिबंधित समूह के 7 लोग गिरफ्तार
राज्य में हुई हिंसा के बाद से प्रतिबंधित समूहों के खिलाफ लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं. ऐसे में पुलिस ने पिछले एक हफ्ते में 7 ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है जो प्रतिबंधित समूह के हैं. सुरक्षाबलों और पुलिस को इनके पास से हथियार और गोला बारूद भी मिले हैं.

मणिपुर में भारतीय सेना और अन्य सुरक्षाबलों के संयुक्त ऑपरेशन में पिछले एक सप्ताह में भारी मात्रा में हथियार और बरामद किया गया है. संयुक्त ऑपरेशन में भारतीय सेना, असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस और अन्य सुरक्षा बल शामिल हैं.

इस दौरान थौबल, तैंग्नोपॉल, बिष्णुपुर, चुराचंदपुर, इंफाल पश्चिम, नोने, जिरीबाम और ककचिंग जिलों से 35 हथियारों, गोलाबारूद और युद्ध सामग्री की बरामदगी की गई थी. सुरक्षाबलों ने इस दौरान तीन उग्रवादियों को गिरफ्तार किया.

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