टोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश को खुशियां देने वाली भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में भी मेडल की उम्मीदों को बढ़ा दिया है. पूल स्टेज में लगातार शानदार प्रदर्शन कर रही कोच क्रेग फुल्टन और कप्तान हरमनप्रीत सिंह की टीम ने अभी तक का सबसे बेहतरीन नतीजा हासिल करते हुए ऑस्ट्रेलिया को हराकर सनसनी फैला दी. पूल स्टेज के अपने आखिरी मैच में भारतीय टीम ने टोक्यो ओलंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट ऑस्ट्रेलिया को रोमांचक मुकाबले में 3-2 से हरा दिया. इसके साथ ही भारत ने 52 साल बाद ऑस्ट्रेलिया को ओलंपिक में शिकस्त देकर इतिहास रच दिया.
इन ओलंपिक में भारतीय टीम के लिए कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने डिफेंस की अपनी ड्यूटी संभालने के साथ ही लगातार पेनल्टी कॉर्नर और पेनल्टी स्ट्रोक्स से गोल दागकर टीम को जीत दिलाते रहे. यही कमाल उन्होंने उस ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ भी किया, जिसने पिछले कई सालों में ओलंपिक, वर्ल्ड कप और कॉमनवेल्थ गेम्स में टीम इंडिया को बहुत दर्द दिया था. आखिरकार 1972 के बाद पहली बार टीम इंडिया ने ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया से अपनी कई हारों का बदला ले ही लिया.
एक दिन पहले ही बेल्जियम के खिलाफ कड़े मुकाबले में 1-2 से हारने के बाद टीम इंडिया के सामने अपने ग्रुप स्टेज के आखिरी मैच में ऑस्ट्रेलिया की मुश्किल चुनौती थी. ऑस्ट्रेलिया ही इस मैच में जीत की दावेदार मानी जा रही थी लेकिन टीम इंडिया ने पहले क्वार्टर से ही फ्रंट फुट पर खेलना शुरू किया और दो मिनट के अंदर दो गोल दागकर 2-0 की बढ़त हासिल कर ली. इसने हर किसी को हैरान कर दिया. टीम के लिए 12वें मिनट में अभिषेक ने फील्ड गोल दागा और फिर अगले ही मिनट कप्तान हरमनप्रीत ने पेनल्टी कॉर्नर को भी गोल में बदल दिया.