- नारी शक्ति वंदन अधिनियम के समर्थन में 31 दिसम्बर को होगी महिला हॉफ मैराथन दौड़
- देश के अलग-अलग हिस्सों से लखनऊ आ रही हैं हजारों महिला धावक एवं स्वयंसेवक
- नशामुक्त समाज आंदोलन ‘अभियान कौशल का’ आयोजित कर रहा है महिला हॉफ मैराथन लखनऊ- नशामुक्त समाज आंदोलन ‘अभियान कौशल का’ के तत्वावधान में आगामी 31 दिसम्बर को महिला हॉफ मैराथन दौड़ आयोजित की जा रही है। नारी शक्ति अधिनियम के समर्थन में यह दौड़ आयोजित की जा रही है। इसमें उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों से कुल 4008 महिलाएं लखनऊ में दौड़ लगाएंगी। जबकि हजारों महिलाएं स्वयंसेवक के रूप में मैराथन का हिस्सा बनेंगी।
यह जानकारी देते हुए नशामुक्त समाज आंदोलन ‘अभियान कौशल का’ प्रान्तीय सह संयोजक नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान ने बताया कि महिला हॉफ मैराथन दौड़ आगामी 31 दिसम्बर को 11 बजे दुबग्गा चौराहे से शुरू होगी। यह भिठौली तिराहे से यू टर्न लेकर वापस फिर दुबग्गा चौराहा आएगी। यह हॉफ मैराथन दौड़ तकरीबन 21 किमी की होगी। इसमें पहला स्थान पाने वाली महिला को तीन लाख रुपए, दूसरा स्थान पाने वाली महिला को दो लाख रुपए और तीसरा स्थान पाने वाली महिला को एक लाख रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।नशामुक्त सेनानी नागेन्द्र ने बताया कि इन महिलाओं के पीछे से आने वाली प्रथम दस महिलाओं को 21-21 हज़ार रुपए, द्वितीय दस महिलाओं को 11-11 हज़ार रुपए, तृतीय दस को महिलाओं को 51-51 सौ रुपए, चतुर्थ दस महिलाओं को 41-41 सौ रुपए, पंचम दस महिलाओं को 31-31 सौ रुपए, षष्ठम् दस महिलाओं को 21-21 सौ रुपए और सप्तम दस महिलाओं को 11-11सौ रुपए का प्रोत्साहन पुरस्कार दिया जाएगा। इस तरह कुल 73 महिलाओं को नकद पुरस्कार दिया जाएगा।उत्तर प्रदेश के सह संयोजक नागेन्द्र ने आंदोलन के प्रणेता एवं केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर के हवाले से बताया कि इस मैराथन में लोकसभा, राज्यसभा व उत्तर प्रदेश विधानसभा की समस्त महिला सदस्यों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। केन्द्रीय रक्षामंत्री, गृहमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी निमंत्रण दिया गया है। मैराथन के मंच से आत्मनिर्भर भारत, विकसित भारत, नशामुक्त भारत का नारा बुलंद होगा। दौड़ के दौरान मंच पर अनेक प्रकार की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी।सह संयोजक चौहान के मुताबिक महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से इस मैराथन में एक लाख महिलाओं को लखनऊ बुलाने का लक्ष्य है। साथ ही, हजारों की संख्या में पुरुषों को भी स्वयंसेवक के रूप आमंत्रित किया गया है। सभी से अपील की गई है कि वह अपने घर से भोजन-पानी लेकर आएं। दुबग्गा चौराहे पर सब अपना खाना मिल बाँट कर खाएं। इससे सामाजिक समरसता और मजबूत होगी।