-लगातार 17 घंटे चला राहत बचाव कार्य, जिला कलेक्टर पूरे समय मौके पर मौजूद रहे
दाैसा। जिले के बांदीकुई उपखण्ड के जोधपुरिया गांव में बोरवेल के पास बने 35 फीट गहरे गढ्ढे में फंसी दो साल की मासूम नीरू को 17 घंटे बाद राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) ने सुरंग खोदकर सकुशल बाहर निकाल लिया। दरअसल बुधवार शाम करीब 5 बजे खेलते वक्त मासूम बच्ची गड्ढे में गिर गई थी। जिसके बाद दौसा से पहुंची सिविल डिफेंस की टीम ने निकालने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। जिला कलेक्टर देवेन्द्र कुमार ने मौके पर पहुंच घटनाक्रम की जानकारी ली। इसके बाद एनडीआरएफ को बुलाया गया। जहां बच्ची को बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीमों ने लगातार 12 घंटे तक खुदाई की थी। गुरुवार सुबह एक पाइप के जरिए टीमें बच्ची तक पहुंची। जिसे करीब 10.10 बजे सुरक्षित बाहर निकाला गया। नीरू गुर्जर (2) को जैसे ही टीमों ने बाहर निकाला पूरा क्षेत्र वंदे मातरम के नारों से गूंज उठा। मासूम को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत फिलहाल सही बताई जा रही है। पूरे आपरेशन के दौरान दौसा के जिला कलेक्टर देवेन्द्र कुमार ने पूरे समय मौके पर ही मौजूद रहकर टीम की हौंसला अफजाई की।
12 बार कोशिश, लेकिन हर बार फेल
यहां बच्ची को बचाने के लिए टीमों द्वारा 12 बार कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली। रात 2 बजे तक एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने गड्ढे से बच्ची को बाहर निकालने के लिए देसी जुगाड़ एंगल सिस्टम का उपयोग किया, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके बाद लालसोट से आई टीम ने रात 2 बजे से सुबह 5 बजे तक लगभग 10 बार एंगल सिस्टम का इस्तेमाल करके बच्ची को गड्ढे से निकालने की कोशिश की, लेकिन फिर भी वे सफल नहीं हो पाए। रात 3 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान लालसोट से आई टीम ने बच्ची को बाहर निकालने के लिए बोरवेल के पास गड्ढे में एंगल डाला। बच्ची ने एक बार हाथ फंसाया, लेकिन जब टीम ने उसे निकालने का प्रयास किया, तो उसने तुरंत अपना हाथ बाहर निकाल लिया।
बुधवार रात से गुरुवार सुबह तक 12 बार प्रयास किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिली। रातभर टीमें कैमरे के जरिए बच्ची के मूवमेंट को देखती रहीं। सुबह 9 बजे के करीब रेस्क्यू टीमों ने पाइप डालने का फाइनल ऑपरेशन स्टार्ट किया। केला और चॉकलेट रस्सी से गड्ढे में डाले गए हैं जिससे कि बच्ची उन्हें लेने के लिए एंगल में हाथ फंसा ले और उसे ऊपर खींचा जा सके। इसमें भी सफलता नहीं मिली। इसके बाद एनडीआरएफ के बचाव दल ने बच्ची को बाहर निकालने के लिए बोरवेल के समानांतर करीब 35 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया। इसमें पाइप फंसाकर एनडीआरएफ के जवान अंदर पहुंचे और बच्ची को बाहर निकाला गया। तब जाकर प्रशासन व परिजनों ने राहत की सांस ली।