दिवाली का त्योहार भारतीय अर्थव्यवस्था और कारोबारियों के लिए शानदार रहा है. इस साल दिवाली सीजन में देश भर के बाजारों में उपभोक्ताओं की ओर से जोरदार डिमांड की बदौलत रिकॉर्ड कारोबार देखने को मिला है. ट्रेडर्स फेडरेशन कैट के मुताबिक इस दिवाली पर 3.75 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का रिकॉर्ड व्यापार हुआ है. जबकि गोवर्धन पूजा, भैया दूज, छठ पूजा एवं तुलसी विवाह त्योहार आना बाकी है जिसमें करीब 50 हजार करोड़ रुपये और व्यापार होने की संभावना जताई जा रही है.
कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बयान जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल का जादू जमकर लोगों पर चला है और इसके चलते चीन को 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के व्यापार का नुकसान हुआ है. उऩ्होंने बताया कि पहले के सालों में दिवाली के त्योहार पर चीन से बनी वस्तुओं को लगभग 70% बाजार भारत का मिल जाता था जो इस बार संभव नहीं हो सका है. देश में व्यापारियों ने इस वर्ष चीन से दिवाली से संबंधित किसी भी वस्तु का कोई इंपोर्ट भी नहीं किया.
प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक 3.5 लाख करोड़ के व्यापार में लगभग 13% हिस्सेदारी खाद्य एवं किराना पर, 9% ज्वेलरी पर, 12% वस्त्र एवं गारमेंट, 4% ड्राई फ्रूट, मिठाई एवं नमकीन, 3% घर की साज सज्जा, 6% कास्मेटिक्स, 8% इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मोबाइल, 3% पूजन सामग्री एवं पूजा वस्तुओं, 3% बर्तन तथा रसोई उपकरण, 2% कॉन्फ़ेक्शनरी एवं बेकरी, 8% गिफ्ट आइटम्स, 4% फ़र्निशिंग एवं फर्नीचर एवं शेष 20% ऑटोमोबाइल, हार्डवेयर, इलेक्ट्रिकल, खिलौने सहित अन्य अनेक वस्तुओं एवं सेवाओं पर ग्राहकों ने खर्च किए गए . देश भर में पैकिंग कारोबार को भी एक बड़ा बाजार इस दिवाली पर मिला है.
इससे पहले धनतरेस पर भी सोने-चांदी का लगभग 30,000 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था. केवल 27,000 करोड़ रुपये सोने की ज्वेलरी के सेल्स का आंकड़ा रहा था. जबकि 2022 में धनतेरस सोने-चांदी का 25,000 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था.