JNU छात्रसंघ चुनाव में लेफ्ट का दबदबा, अध्यक्ष सहित तीन पद जीते; ABVP की दमदार वापसी

दिल्ली: दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के छात्रसंघ चुनावों में अध्यक्ष समेत तीन पदों पर लेफ्ट ने जीत हासिल की है, जबकि एबीवीपी के खाते में संयुक्त सचिव के पद आया है. बता दें कि आईसा-डीएसएफ गठबंधन कैंडिडेट नीतीश कुमार ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है. नवनिर्वाचित अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि हम छात्रों और उनके कल्याण के लिए काम करेंगे. इस पद पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कैंडिडेट शिखा स्वराज काफी देर तक आगे चल रही थीं.

इसके साथ ही जेएनयूएसयू के दो और प्रमुख पदों पर वामपंथी छात्र संगठनों के उम्मीदवारों की जीत हुई है. इसमें मनीषा उपाध्यक्ष और मुन्तेहा फातिमा महासचिव पद पर निर्वाचित हुई हैं, जबकि संयुक्त सचिव का पद एबीवीपी के वैभव मीणा के खाते में गया है.

जेएनयू में लेफ्ट का दबदबा बरकरार

दरअसल वाम गठबंधन ने जेएनयूएसयू चुनाव 2024-25 में अपना दबदबा कायम रखते हुए चार में से तीन शीर्ष पदों पर कब्जा कर लिया है, जबकि एबीवीपी ने बड़ी बढ़त हासिल की. इस चुनाव में नीतीश कुमार (आइसा) अध्यक्ष चुने गए, मनीषा (डीएसएफ) ने उपाध्यक्ष पद जीता और मुन्तेहा फातिमा (डीएसएफ) ने महासचिव का पद हासिल किया. हालांकि, एबीवीपी ने वैभव मीना के विजयी होने के साथ संयुक्त सचिव पद जीतकर एक दशक से चले आ रहे सूखे को खत्म किया.

हार का अंतर बहुत कम

मतगणना के दिन ज्यादातर समय तक एबीवीपी के उम्मीदवार सभी चार केंद्रीय पैनल पदों पर आगे रहे, जिसे जेएनयू में वामपंथी प्रभुत्व के लिए एक मजबूत चुनौती माना जा रहा है. हालांकि एबीवीपी अंत में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और महासचिव के मुकाबलों में पिछड़ गया, लेकिन हार का अंतर बहुत कम था, जो जेएनयू कैंपस में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है. कैंपस में हिंसा के कारण देरी के बाद 25 अप्रैल को हुए चुनावों में लगभग 70 प्रतिशत मतदान हुआ.

एबीवीपी ने रचा इतिहास

लगभग 5,500 छात्रों ने अपने वोट डाले, इस मुकाबले में लड़ाई आइसा-डीएसएफ, एबीवीपी और एनएसयूआई-फ्रेटरनिटी गठबंधन के बीच थी. काउंसलर चुनावों में एबीवीपी ने 42 में से 23 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया. 1999 के बाद से इसका यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. एबीवीपी ने स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में जीत दर्ज की और स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज और स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज और स्कूल ऑफ संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज के स्कूलों में बढ़त हासिल की. एबीवीपी की वापसी ने कैंपस की राजनीति में नई ऊर्जा का संचार किया है. नेताओं और समर्थकों ने रिजल्ट को टर्निंग पॉइंट करार दिया.

‘हर छात्र की आवाज सुनी जाएगी’

वहीं नवनिर्वाचित नेताओं ने छात्रों के हितों का प्रतिनिधित्व करने और छात्र अधिकारों के लिए अपनी वकालत जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की. नवनिर्वाचित अध्यक्ष नीतीश कुमार (आइसा) ने छात्रों को आश्वस्त करते हुए कहा कि हम छात्रों और उनके कल्याण के लिए काम करेंगे. हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर छात्र की आवाज सुनी जाए और उसका सम्मान किया जाए.

‘जेएनयू लाल था और लाल ही रहेगा’

नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष मनीषा (DSF) ने जीत का श्रेय विश्वविद्यालय को देते हुए कहा कि जेएनयू लाल था और लाल ही रहेगा. हमने हमेशा छात्रों के लिए काम किया और उनकी आवाज उठाई, और हम भविष्य में भी यह काम करते रहेंगे. महासचिव मुन्तेहा फातिमा (DSF) ने कहा कि हम छात्रों के अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे, जैसा कि हमने हमेशा किया है.

अगली बार ABVP चारों सीटें जीतेगी

वहीं संयुक्त सचिव चुने गए वैभव मीना (ABVP) ने अपनी जीत के महत्व पर विचार करते हुए कहा कि हमने एक दशक के बाद यह जीत हासिल की है, और अगले चुनाव में ABVP सभी चार सीटें जीतेगी. यह जीत आगे की सफलताओं के लिए एक कदम है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Captcha loading...

Back to top button