
राजस्थान: राजस्थान में बीजेपी के पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता ज्ञानदेव आहूजा ने पार्टी से निष्कासन के बाद बीजेपी नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आहूजा का कहना है कि उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के दबाव में पार्टी से निकाला गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान बीजेपी के बड़े नेताओं ने उनके खिलाफ साजिश की है, जिसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ शामिल हैं।
कांग्रेस नेताओं का विरोध
आहूजा ने यह भी कहा कि उन्होंने भगवान राम के अस्तित्व को नकारने वाले कांग्रेस नेताओं का विरोध किया था और इसके लिए उन्हें पार्टी से बाहर किया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह कभी माफी नहीं मांगेंगे और बीजेपी के साथ अपने जुड़ाव को बनाए रखेंगे। आहूजा ने यह भी दावा किया कि निष्कासन के बाद दो पार्टियों ने उनसे संपर्क किया है, लेकिन वह बीजेपी के साथ ही रहेंगे।
कांग्रेस नेता टीकाराम जूली
बीजेपी ने आहूजा को पार्टी से निष्कासित कर दिया था, जब उन्होंने अलवर के रामगढ़ में कांग्रेस नेता टीकाराम जूली के राम मंदिर दौरे के बाद मंदिर में गंगाजल का छिड़काव करवाया था। कांग्रेस ने इसे दलित विरोधी करार दिया था। बीजेपी की अनुशासन समिति की जांच के बाद प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने आहूजा की सदस्यता समाप्त कर दी थी।
आज तक
आहूजा के निष्कासन के बाद कांग्रेस ने इसे दलितों के खिलाफ एक साजिश के रूप में देखा और विरोध प्रदर्शन किए। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जताई थी।
आहूजा के आरोपों के बाद बीजेपी के नेताओं ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।