8 साल की लंबी जद्दोजहद के बाद मिग्सन ग्रीन मेंशन के 554 फ्लैट खरीदारों को मिली राहत, रजिस्ट्री का रास्ता साफ

ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित मिग्सन ग्रीन मेंशन सोसायटी के 554 फ्लैट खरीदारों को आखिरकार 8 साल बाद अपने घरों का मालिकाना हक मिलना शुरू हो गया है। रविवार को आयोजित एक समारोह में पहले चरण में 35 परिवारों को रजिस्ट्री के दस्तावेज सौंपे गए।

इस मौके पर यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, दादरी विधायक तेजपाल सिंह और यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी उपस्थित थे। इस पहल को ग्रेटर नोएडा और पूरे क्षेत्र में घर खरीदारों के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

FAR विवाद ने 8 साल तक रोके रखे कागज़

मिग्सन ग्रुप ने 2013 में सोसायटी का निर्माण शुरू किया था

2016 में फ्लैट तैयार हो गए और लोग रहने भी लगे

लेकिन फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) से जुड़ा विवाद रजिस्ट्री में बड़ी बाधा बन गया

अब जाकर यह विवाद सुलझा और रजिस्ट्री का रास्ता खुला।

रजिस्ट्री दस्तावेज पाकर भावुक हुए लोग

मनोज चमोली को पहली रजिस्ट्री सौंपी गई

निवासी प्रदीप कुमार बोले: “अब जाकर असली मालिक होने का एहसास हुआ।”

विनीत प्रताप सिंह ने कहा: “यकीन ही नहीं हो रहा कि घर अब पूरी तरह हमारे नाम हो गया है।”

बाकी सोसायटियों के लिए भी राहत के संकेत

मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया कि ग्रेटर नोएडा और नोएडा वेस्ट की अन्य सोसायटियों में भी रजिस्ट्री जल्द शुरू होगी

CEओ मयूर माहेश्वरी ने कहा कि आने वाले दिनों में और 200 खरीदारों को रजिस्ट्री दी जाएगी

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और यूपीसीडा के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद रहे

अन्य सोसायटियों ने भी उठाई मांग

ओएसिस वैलेंशिया हाइट्स के 540 निवासियों ने मालिकाना हक की मांग उठाई

शिवालिक होम्स के निवासियों ने भी रजिस्ट्री न होने की शिकायत की

यूपीसीडा ने सभी समस्याओं का जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया

सरकार का रुख साफ: “घर खरीदारों को न्याय दिलाना प्राथमिकता”

मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया:

“घर खरीदारों को उनका अधिकार देना हमारी प्राथमिकता है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट राज्य सरकार की प्रमुख योजनाओं में शामिल है।”

निष्कर्ष

मिग्सन ग्रीन मेंशन का मामला सिर्फ एक सोसायटी का नहीं, बल्कि उन हजारों लोगों की उम्मीदों का प्रतिनिधित्व करता है जो वर्षों से अपने घर का मालिकाना हक पाने की राह देख रहे हैं। इस पहल से ग्रेटर नोएडा की अन्य सोसायटियों के लिए भी उम्मीद जगी है।

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