
भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने के निर्णय ने पाकिस्तान में हड़कंप मचा दिया है। पाकिस्तानी विशेषज्ञों ने इस कदम को गंभीर परिणामों की चेतावनी देते हुए परमाणु बम के इस्तेमाल तक की धमकी दी है।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने भारत के इस निर्णय को ‘आक्रामक’ करार देते हुए कहा कि यदि भारत ने सिंधु जल संधि को समाप्त किया, तो पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने का अधिकार है। उन्होंने इसे ‘पानी पर युद्ध’ की शुरुआत मानते हुए परमाणु विकल्प की संभावना को नकारा नहीं किया।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की परमाणु नीति में ‘पहले इस्तेमाल’ (First Use) का सिद्धांत शामिल है, जिसका उद्देश्य भारत के किसी भी आक्रामक कदम का जवाब देना है। ऐसे में, सिंधु जल संधि को निलंबित करना पाकिस्तान के लिए एक ‘लाल रेखा’ (Red Line) पार करने जैसा है, जो युद्ध की स्थिति उत्पन्न कर सकता है।
भारत ने यह कदम पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने और सिंधु जल संधि के उल्लंघन के कारण उठाया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्थिति में संयम बनाए रखना और कूटनीतिक प्रयासों के माध्यम से समाधान खोजना आवश्यक है, ताकि क्षेत्रीय स्थिरता बनी रहे।