
टीकाराम पालीवाल राजस्थान के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने 3 मार्च 1952 से 31 अक्टूबर 1952 तक मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला। हालांकि उनका कार्यकाल मात्र 243 दिन का था, लेकिन उन्होंने राजस्थान के राजनीतिक इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया।
दौसा जिले से जुड़ा इतिहास
टीकाराम पालीवाल का जन्म 24 अप्रैल 1909 को वर्तमान दौसा जिले के मंडावर गांव में हुआ था। यह गांव आज के मंडावर तहसील में स्थित है। उनका परिवार गौर ब्राह्मण समुदाय से था, और उनके पिता पं. हुकुमचंद एवं माता सुंदरी देवी के प्रभाव में उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। उनकी राजनीतिक यात्रा ने दौसा जिले को एक महत्वपूर्ण पहचान दिलाई।
मुख्यमंत्री बनने की यात्रा
1952 में राजस्थान की पहली विधानसभा के चुनावों के बाद, टीकाराम पालीवाल कांग्रेस विधायक दल के नेता चुने गए और 3 मार्च 1952 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि, जय नारायण व्यास इस चुनाव में हार गए थे, लेकिन बाद में वे किशनगढ़ से उपचुनाव जीतकर आए और 1 नवंबर 1952 को मुख्यमंत्री बने। इस प्रकार, टीकाराम पालीवाल का कार्यकाल 243 दिन का रहा।
राजनीतिक योगदान और विरासत
टीकाराम पालीवाल ने महुवा विधानसभा क्षेत्र से दो बार (1952 और 1957) विधायक के रूप में कार्य किया। 1962 में वे हिंडौन लोकसभा क्षेत्र से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुने गए। उनकी राजनीतिक यात्रा ने दौसा जिले को राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया।
टीकाराम पालीवाल का योगदान राजस्थान की राजनीति में सदैव याद रखा जाएगा, और उनका संबंध दौसा जिले से राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में स्थापित है।