
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 निर्दोषों की जान जाने के बाद, जहां अधिकांश G7 देशों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है, वहीं कनाडा ने अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
अमेरिका: पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले को “गंभीर रूप से परेशान करने वाला” बताया और भारत के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त की।
फ्रांस: राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हमले की निंदा करते हुए भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की बात की।
जर्मनी: चांसलर ओलाफ शोल्ज़ ने हमले की कड़ी निंदा की और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएँ व्यक्त की।
यूके: प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भी इस हमले की निंदा की और शोक व्यक्त किया।
ऑस्ट्रेलिया: प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने इसे “निर्दयतापूर्ण हिंसा” करार देते हुए हमलावरों को जवाबदेह ठहराने की बात की।
बांग्लादेश: अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद युनुस ने शोक व्यक्त किया और आतंकवाद के खिलाफ बांग्लादेश की स्थिति की पुष्टि की।
चीन: विदेश मंत्रालय ने हमले की निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदनाएँ व्यक्त की।
कनाडा की चुप्पी
कनाडा, जो G7 देशों का सदस्य है, ने अब तक इस हमले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। यह स्थिति विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 2023 में भारतीय नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिनका G7 देशों में व्यापक ध्यान आकर्षित हुआ था। हालांकि, G7 के संयुक्त बयान में इन आरोपों का कोई उल्लेख नहीं किया गया था, जिससे कनाडा की स्थिति पर सवाल उठे थे।
विश्लेषण
कनाडा की मौजूदा चुप्पी को देखते हुए, यह सवाल उठता है कि क्या यह भारत के साथ बढ़ते तनाव के कारण है या फिर किसी अन्य कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा है। विशेषज्ञों का मानना है कि कनाडा को अपने कूटनीतिक और आंतरिक मुद्दों के बीच संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
निष्कर्ष
जहां अधिकांश G7 देशों ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की है, वहीं कनाडा की चुप्पी अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चर्चा का विषय बनी हुई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में कनाडा इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करता है या नहीं।