
राजस्थान में आरएलपी (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी) के अध्यक्ष और खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल ने आगामी विधानसभा सत्र से पहले 18 जनवरी को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। उन्होंने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए RPSC (राजस्थान लोक सेवा आयोग) को तत्काल प्रभाव से भंग करने की मांग की है।
बेनीवाल ने कहा कि चुनाव से पूर्व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने वादा किया था कि उनकी सरकार बनने पर RPSC को भंग किया जाएगा, लेकिन सत्ता में आने के बाद इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बाबूलाल कटारा, जो पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हुए थे, आज भी RPSC के सदस्य हैं। बेनीवाल ने सरकार से सवाल किया कि क्या RPSC को भंग किया जाएगा, क्योंकि अफसरों की वही फौज जो गहलोत और वसुंधरा सरकारों में थी, अब भी इस सरकार को चला रही है ।
इसके अलावा, उन्होंने RAS मुख्य परीक्षा की तिथि को स्थगित करने की भी मांग की, क्योंकि अभ्यर्थी कड़ाके की ठंड में आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार इस मामले में बेबस नजर आ रही है ।
इस बहिष्कार से पहले, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सर्वदलीय बैठक में सभी विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया था, जिसमें हनुमान बेनीवाल को भी बुलाया गया था। हालांकि, उन्होंने बैठक में शामिल होने का निर्णय नहीं लिया ।
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि हनुमान बेनीवाल राज्य सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली के प्रति असंतुष्ट हैं और उन्होंने अपनी असहमति को सार्वजनिक रूप से व्यक्त किया है।